गुमला – गुमला चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स के प्रतिनिधि मंडल ने वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश सिंह के नेतृत्व में उपायुक्त गुमला से मिलकर पानी की समस्या को लेकर ज्ञापन दिया। गुमला शहर में पानी की समस्या विकराल रूप ले रही है, गर्मी में जहां लोगों को पानी पर्याप्त मात्रा में मिलनी चाहिए, वहां कई कई दिनों तक गुमला में पानी की आपूर्ति बाधित हो जाती है। बाधित होने के मुख्य कारण पी. एच. डी. एवं नगर परिषद में समन्वय की कमी है। अगर किसी प्रकार की जलापूर्ति से संबंधित खराबी होती है तो पीएचडी के अधिकारी से मिलने पर वह नगर परिषद के नाम पर पल्ला झाड़ लेती है।
उनका बार-बार एक ही बात कहना है कि नगर परिषद जब व्यापारियों एवं आम नागरिकों से टैक्स लेती है, तो पानी देने की जिम्मेदारी भी उनका बनता है। पी एच डी और नगर परिषद की आपसी तालमेल ठीक नहीं रहने के कारण गुमला में पानी के लिए आम जनता को और व्यापारियों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है, जबकि शहरी जलापूर्ति के संबंध में अपर मुख्य सचिव ने पूर्व में पत्र जारी कर पानी से संबंधित जिम्मेदारी नगर परिषद को दी है। पर आज तक नगर परिषद ने कोई भी सकारात्मक पहल नहीं किया। जिसके कारण यह स्थिति उत्पन्न हो गई है।
गुमला के पूर्व उपायुक्त सुशांत गौरव ने तत्कालीन नगर परिषद प्रशासक को आदेश दिया था कि आप गुमला नगर की जलापूर्ति कार्य देखेंगे। नगर परिषद प्रशासक ने इस पर प्रक्रिया आरंभ कर काम को आगे बढ़ाया, पर उनका स्थानांतरण होने के कारण कार्य पूर्ण नहीं हो सका। पी एच डी के कर्मचारियों से बात करने पर यह जानकारी प्राप्त हुई कि वॉटर प्लांट नागफनी में तीन मोटर हैं परंतु दो मोटर खराब पड़ी हुई है। एक मोटर से पानी की आपूर्ति किया जाती है। अगर वह खराब हो जाती है तो उसे बनाने में 2 से 3 दिन लग जाता है। जिसके कारण जलापूर्ति बाधित होती है, गुमला में कई मोहल्ला ड्राई जॉन है। जो पूर्ण रूप से जलापूर्ति पर निर्भर है। उपायुक्त गुमला से इस पर उचित पहल करते हुए गुमला के व्यापारियों एवं शहर वासियों को पानी की समस्या से निजात दिलाने का आग्रह किया।
ज्ञापन सौंपने वालों में वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश सिंह, उपाध्यक्ष अभिजीत जायसवाल रॉकी, सचिव बबलू वर्मा और मुनीलाल साहु, इम्तियाज़ मिनी एवं प्रणय कुमार शामिल थे।
न्यूज़ सोर्स – गनपत लाल चौरसिया