रांची : झामुमो से भाजपा में गए कुणाल षांड़गी ने भाजपा का झटका दिया है. झारखंड भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कुणाल षाड़ंगी के इस्तीफे को बीजेपी के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, कुणाल षाड़ंगी का इस्तीफा अप्रत्याशित नहीं है, बल्कि लोकसभा चुनाव के पहले से ही उनके पार्टी छोड़ने की चर्चा जोरों पर थी। कुणाल षाड़ंगी जमशेदपुर से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की इच्छा जतायी थी. इसको लेकर कुणाल षाड़ंगी नाराज चल रहे थे. पार्टी में अपनी भूमिका, सम्मान और मौकों को लेकर वे खुद को अलग-थलग महसूस कर रहे थे। कुणाल षाड़ंगी के वापस झारखंड मुक्ति मोर्चा में जाने की चर्चा थी लेकिन, उनका अगला राजनीतिक फैसला क्या होगा, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है, जानकार मानते हैं कि कुणाल षाड़ंगी एक बार फिर से झामुमो का दामन थाम सकते हैं.
कुणाल ने बाबूलाल मरांडी को भेजा इस्तीफा
कुणाल षाड़ंगी ने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को संबोधित इस्तीफा पत्र ने लिखा है कि इस पत्र के माध्यम से मैं भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूं। यह निर्णय मैंने गहन चिंतन और आत्ममंथन के उपरांत लिया है। पिछले कई महीनों से मैं यह महसूस कर रहा हूं कि कई बार पूर्वी सिंहभूम जिले की बुनियादी समस्याओं से जुड़े विषयों और संगठनात्मक विषयों को आपके और अन्य वरीय पदाधिकारियों के संज्ञान में लाने के बावजूद पार्टी जिले की महत्वपूर्ण मुद्दों के प्रति बिलकुल उदासीन है। जब मैंने प्रदेश के प्रवक्ता के पद से त्यागपत्र दिया था तो मुझे उम्मीद थी कि मेरे द्वारा रखे गए विषयों पर पार्टी संज्ञान लेगी, पर ऐसा नहीं किया गया। उन्होंने कहा है कि पूर्वी सिंहभूम जिले की जनता के हित में यह आवश्यक है कि उनकी आवाज को जोरदार तरीके से बुलंद किया जाए ताकि उनके समस्याओं का उचित समाधान हो सके जो कि वर्तमान की परिस्थिति में भाजपा में रह कर मुझे यह संभव प्रतीत नहीं होता है। अब देखना है कि कुणाल षाड़ंगी किस पार्टी का दामन थामते हैं.