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Saturday, November 23, 2024
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स्नातकोत्तर दर्शनशास्त्र विभाग में विभागीय सेमिनार आयोजित

सेमिनार का आयोजन

विनोवा भावे विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर दर्शनशास्त्र विभाग में विभागीय परिषद के सदस्य और शोधार्थियों द्वारा विभागीय सेमिनार का आयोजन किया गया। द्वितीय सत्र के विद्यार्थियों ने इस सेमिनार में भाग लिया। इसका विषय “दर्शन एवं विज्ञान का सम्बन्ध और वैज्ञानिक पद्धति” था।

प्रमुख वक्ता और विचार

विभागाध्यक्ष डॉ. अमित कुमार सिंह ने कहा कि दर्शन विज्ञान को दिशा निर्देश देता है। उन्होंने कहा कि विज्ञान पर अंकुश नहीं लगाया जाए तो यह निरंकुश हो जाएगा। सहायक प्राध्यापक डॉ. यामिनी सहाय ने कहा कि 21वीं सदी में वैज्ञानिक उपकरणों पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। अति निर्भरता ने हमारी मूल चेतना को कम किया है, जिससे मानसिक क्षमता घट रही है।

अन्य वक्ताओं के विचार

विजय कुजूर ने प्राकृतिक गीतों के माध्यम से विषय पर प्रकाश डाला। शोधार्थी विजय चौधरी ने विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में नीतिशास्त्र का समन्वय आवश्यक बताया। मो. फजल ने कहा कि दर्शन में निहित बातें आधुनिक विज्ञान को आधार प्रदान करती हैं। राजेश कुमार ने कहा कि विज्ञान और दर्शन एक-दूसरे के पूरक हैं। विजय चौधरी ने विज्ञान को हार्डवेयर और दर्शन को सॉफ्टवेयर कहा। अमित रंजन ने बताया कि विज्ञान सश्लेषात्मक विधि और दर्शन विश्लेषणात्मक विधि से ज्ञान की खोज करता है।

सेमिनार की अन्य चर्चाएँ

अनिल रविदास ने कहा कि विज्ञान और दर्शन दोनों ही ज्ञान को उजागर करते हैं। विज्ञान वस्तुओं तक सीमित है, जबकि दर्शन भौतिक दुनिया के बाहर के विषयों की चर्चा करता है। योग विभाग के प्रशिक्षक अभिषेक कुमार सिंह ने पूर्व के दर्शन और विज्ञान को बताते हुए वर्तमान विज्ञान विचार को अवगत करवाया। उन्होंने विवेकानंद और महर्षि अरविंद के समग्र योग की रचना के बारे में भी बताया। शोधार्थी सबा फिरदौस ने दर्शन और विज्ञान के स्वरूप पर चर्चा की।

भविष्य की योजनाएँ

सभी विद्यार्थियों ने अपनी क्षमतानुसार विषय पर प्रकाश डाला। हिमांशु, रंजीत, प्रिया, मोनिश, लक्ष्मी, सानिया, रुपेश, राहुल, मनीष, और राजीव जैसे छात्र भी शामिल थे। विभागीय परिषद ने निर्णय लिया कि प्रत्येक शुक्रवार को विभागीय सेमिनार में शोधार्थी अपने पेपर पढ़ेंगे और प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। अगले शुक्रवार का विषय “भारतीय नीतिशास्त्र और पाश्चात्य नीतिशास्त्र के तुलनात्मक अध्ययन” पर चर्चा होगी।

News – विजय चौधरी

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