रांची/नई दिल्ली : बड़कागांव के पूर्व विधायक योगेंद्र साव और अंबा प्रसाद के परिवारवालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है. दिल्ली स्थित एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी ने पारिवारिक सदस्यों के नकद जमा वाले 15 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है। इन खातों में कुल 12.24 करोड़ रूपये नकद जमा है। ईडी द्वारा दायर ओरिजनल एप्लिकेशन पर सभी पक्षों को सुनने के बाद अथॉरिटी ने यह शुक्रवार को आदेश दिया है। एडजुकेटिंग अथॉरिटी के सदस्य ने अपने आदेश में कहा है कि जांच को सुगम बनाने के मकसद से ईडी ने छापेमारी के दौरान जब्त की गई सामग्री को उपकरणों और खातों में रखने की अनुमति दी थी। अंबा प्रसाद और उनके करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान जब्त दस्तावेज, बैंक खातों सहित अन्य सामग्रियों को अपने पास रखने के लिए एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी में ईडी की टीम ने आवेदन दिया था।
प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर अपना-अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया गया था
ईडी के आवेदन में कहा गया कि ईडी की टीम ने एसकेएस इंटप्राइजेज और अष्टभुजी सिरामिक अंबा प्रसाद के भाई अंकित राज से जुड़ी संस्था है,जिसमें मिलियन ड्रिम्स फाउंडेशन और वी कनेक्ट इंडिया का संबंध अनुप्रिया से है। योगेंद्र साव के पारिवारिक सदस्यों व व्यापारिक प्रतिष्ठानों के बैंक खातों में अलग-अलग अवधि में 12.24 करोड़ रुपये नकद की राशि जमा की गयी है। अंबा प्रसाद ने भी अंबा प्रसाद फाउंडेशन बना रखा है। जांच के दौरान संबंधित पक्षों द्वारा नकद जमा का उचित कारण नहीं बताया जा सका। ईडी ने अथॉरिटी में दायर अपने आवेदन में योगेंद्र साव के पारिवारिक सदस्यों सहित कुल 29 लोगों को प्रतिवादी बनाया था। इसमें अंबा प्रसाद, उनके पिता योगेंद्र साव सहित अन्य की गतिविधियों का विस्तृत उल्लेख किया गया था। ईडी के आवेदन के आलोक में एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी ने सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर अपना-अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया था