रांची : झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ के केंद्रीय अध्यक्ष अजय राय शुक्रवार को राज्य सरकार की कैबिनेट मीटिंग के पूर्व राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री डॉ इरफान अंसारी से प्रोजेक्ट भवन स्थित कार्यालय कक्ष में मिले और उन्हें पुनः ज्ञापन सौंपते हुए कैबिनेट में रखने की मांग की। इस अवसर पर विधायक उमाशंकर अकेला और पूर्व मंत्री श्रीमती गीताश्री उरांव भी मौजूद थे। मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री उनके ज्ञापन पर कार्रवाई की मांग करने का आश्वासन दिया. संघ के केंद्रीय अध्यक्ष अजय राय ने मंत्री को पुनः अवगत कराते हुए बताया कि 2017 से निगम के अन्दर आउटसोर्स लागू हुआ है लेकिन अब तक आउटसोर्स कंपनियां लगभग 80 करोड़ रुपए से ज्यादा कमीशन के रूप में ले चुकी है. वहीं कंपनियां कर्मचारियों के एरियर का भी घोटाला कर रही है, जिसकी उच्चस्तरीय जांच जरूरी है।
झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ क्या है मांगें?
ज्ञापन में मांग के अनुसार पारा शिक्षकों को 60 वर्षों के लिए अनुबंध पर रख लिया गया है एवं बहाली में भी सहायक शिक्षक में 50 प्रतिशत प्राथमिकता दी जा रही है उसी प्रोविजन की तर्ज पर ऊर्जा विभाग में भी यह नियम लागू कर दिया जाए। श्रम नियोजन कौशल विकास विभाग ने पिछले 11मार्च को संशोधित करते हुये नया नियम बना कि महीने में चार दिन विश्राम के अतिरिक्त 30 एवं 31 दिन का भुगतान सभी विभागों को करना है, उक्त तिथि से संवेदकों को इस नियम का पालन करने का आदेश दिया जाए। होनेवाली बहाली में वर्ष 2016 एवं वर्ष 2018 की भांति उम्र सीमा में 5 वर्षों का छूट देते हुए कार्य अनुभव का लाभ देकर अंतिम व्यक्ति तक पहले पूर्व से कार्यरत लोगों को बहाल किया जाए, इसके बाद ही नए लोगों को रखा जाए। वर्ष 2014 में कराए गए सर्वे के आधार पर 10 वर्षों से लगातार कार्यरत मानव दिवस कर्मियों को भी उमा देवी बनाम कर्नाटक सरकार तथा नरेंद्र तिवारी बनाम झारखंड सरकार के जजमेंट को आधार मानते हुए अनुबंधकर्मियों (1/685) की तर्ज पर सीधी नियुक्ति यथावत उसी पद पर किया जाए। इसके अलावा भी कई अन्य मांगों पर सरकार से शीघ्र विचार करने का आग्रह किया गया है