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Wednesday, October 16, 2024
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हेमंत सोरेन का पुतला दहन: एबीवीपी ने JSSC CGL पेपर लीक की निष्पक्ष जांच और छात्रों पर दर्ज एफआईआर की वापसी की मांग की

हजारीबाग: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा आयोजित CGL परीक्षा 2023 में कथित पेपर लीक और गड़बड़ियों के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन किया। हजारीबाग के बाबूगाँव में प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नाराजगी जताते हुए JSSC CGL परीक्षा की निष्पक्ष जांच और आंदोलनरत छात्रों पर दर्ज एफआईआर की वापसी की मांग की। एबीवीपी ने पूरे राज्य में मुख्यमंत्री और JSSC अध्यक्ष के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है।

पेपर लीक पर उठाए सवाल: परीक्षा में गड़बड़ियों के आरोप

21 और 22 सितंबर 2023 को झारखंड में सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा का आयोजन हुआ था, लेकिन इस परीक्षा में कई गड़बड़ियों की खबरें सामने आईं। एबीवीपी और अन्य छात्र संगठनों का आरोप है कि परीक्षा में पेपर लीक से लेकर पेपर वितरण में अनियमितताएं हुईं। कई केंद्रों पर छात्रों को पेपर 1 के बजाय पेपर 2 दिया गया, जबकि कुछ केंद्रों पर प्रश्न पत्र की सील पहले से टूटी हुई पाई गई।

एबीवीपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य नवलेश सिंह ने बताया कि सरकार ने इंटरनेट जैसी मूलभूत सुविधाओं को भी परीक्षा के दौरान बंद कर दिया, लेकिन इसके बावजूद परीक्षा में धांधली की घटनाएं सामने आईं। उनका कहना था कि छात्रों के हित में निष्पक्ष जांच होना बेहद जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

छात्रों पर दर्ज एफआईआर की वापसी की मांग

प्रदर्शनकारियों ने न केवल परीक्षा की निष्पक्ष जांच की मांग की, बल्कि उन छात्रों पर दर्ज एफआईआर को भी तत्काल वापस लेने की अपील की, जो परीक्षा में गड़बड़ियों के खिलाफ आवाज उठा रहे थे। विभाग संगठन मंत्री विक्रम राठौर ने कहा, “छात्रों की आवाज को दबाने के लिए झूठे मुकदमों का सहारा लिया जा रहा है, और यह सरकार की असफलता को छिपाने का प्रयास है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए, और उनकी न्यायोचित मांगों पर ध्यान दिया जाना चाहिए।

पिछली परीक्षाओं में भी सामने आई थी अनियमितताएं

यह पहली बार नहीं है कि झारखंड में परीक्षाओं में गड़बड़ियां सामने आई हों। इससे पहले भी CGL परीक्षाओं में पेपर लीक की घटनाएं हो चुकी हैं। जिला संयोजक बाबूलाल मेहता ने बताया कि पहले भी हुई CGL परीक्षाओं में पेपर लीक का मामला सामने आया था, जिसके बाद सरकार ने परीक्षा को रद्द कर दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार द्वारा एक बार फिर से जांच कमेटी बनाकर छात्रों को भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा है।

सरकार ने पहले भी पेपर लीक की जांच के लिए कई समितियां गठित की थीं, लेकिन छात्रों का मानना है कि यह सिर्फ समय काटने की रणनीति थी, और अब सरकार फिर से वही कर रही है।

रोजगार के वादों पर सरकार की विफलता

प्रदर्शन के दौरान एबीवीपी के नेताओं ने सरकार द्वारा किए गए रोजगार वादों को भी निशाने पर लिया। नगर मंत्री रुद्र राज ने कहा कि झारखंड सरकार ने हर साल 5 लाख रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन युवाओं को अब तक रोजगार नहीं मिला है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार रोजगार देने में असफल रही है, और इसके बजाय विरोध करने वाले छात्रों पर झूठे मुकदमे दायर कर उनके भविष्य को बर्बाद कर रही है।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य नवलेश सिंह ने कहा, “युवाओं को रोजगार देने के बजाय, सरकार उन्हें न्याय के लिए सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर कर रही है। यह सरकार की नाकामी का संकेत है।”

एबीवीपी की मांग: निष्पक्ष जांच और एफआईआर की वापसी

एबीवीपी ने इस पूरे प्रकरण में JSSC CGL परीक्षा की निष्पक्ष जांच और छात्रों पर दर्ज एफआईआर की वापसी की मांग दोहराई। संगठन का कहना है कि जब तक छात्रों को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। एबीवीपी के नेताओं का मानना है कि अगर समय रहते सरकार ने इन मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया, तो झारखंड के छात्र समुदाय का आक्रोश और भी बढ़ सकता है।

विभाग संगठन मंत्री विक्रम राठौर ने कहा, “छात्रों की भविष्य को बचाने के लिए सरकार को त्वरित कार्रवाई करनी होगी। पेपर लीक जैसी घटनाओं से ना केवल छात्रों का विश्वास टूटा है, बल्कि पूरे परीक्षा प्रणाली पर भी सवाल उठे हैं।”

छात्रों की मांग पर ध्यान दे सरकार

झारखंड में JSSC CGL परीक्षा में पेपर लीक और अन्य गड़बड़ियों ने छात्रों के भविष्य पर गहरा असर डाला है। एबीवीपी और अन्य छात्र संगठन इस मुद्दे पर सरकार से त्वरित और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। छात्रों पर दर्ज झूठे मुकदमों को वापस लेने की मांग भी जोर पकड़ रही है।

सरकार को चाहिए कि वह इन गंभीर मुद्दों पर ध्यान दे और छात्रों को न्याय दिलाने के लिए त्वरित कदम उठाए। अगर सरकार ने समय पर कदम नहीं उठाए, तो यह समस्या और बढ़ सकती है, और राज्य में युवाओं का सरकार पर से भरोसा उठ सकता है।

News – Vijay Chaudhary.

Edited by – Sanjana Kumari

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