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Wednesday, October 16, 2024
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कोडरमा के ललिता देवी की संघर्ष भरी कहानी: टूटी हुई मिट्टी के मकान में जीवन और सरकारी सहायता की अनदेखी

कोडरमा के डोमचांच नगर पंचायत के वार्ड नंबर 01 कोठीयाबर में रहने वाली ललिता देवी एक बेहद कठिन जीवन बिता रही हैं। उनका परिवार कई सालों से एक टूटे हुए मिट्टी के मकान में रहने को मजबूर है। ललिता देवी, जिनके माता-पिता सात साल पहले गुजर चुके हैं, अब अपने दो भाइयों और एक बहन के साथ संघर्ष कर रही हैं। हालात इतने खराब हैं कि बरसात के दिनों में उनके घर में पानी भर जाता है, जिससे उनका जीवन और भी कठिन हो जाता है।

संघर्ष और सरकारी सहायता की कमी

ललिता देवी और उनके परिवार ने सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए कई बार प्रयास किया, लेकिन उन्हें अभी तक कोई मदद नहीं मिली। उन्होंने कॉलोनी आवंटन के लिए कई बार आवेदन किया और डीसी कार्यालय तक अपनी आवाज पहुंचाई, लेकिन सरकारी सहायता की राह में उन्हें केवल निराशा ही हाथ लगी। पांच साल से इस परिवार का संघर्ष जारी है, और वे अब भी बिना किसी ठोस सहायता के इसी खतरनाक स्थिति में जी रहे हैं।

परिवार की जिम्मेदारियां और पढ़ाई का संघर्ष

ललिता देवी के दोनों भाई काम के साथ-साथ पढ़ाई भी करते हैं। उनका परिवार रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। ललिता की बहन घर के कामकाज में योगदान देती है, जिससे किसी तरह घर का खर्च चल रहा है। लेकिन, एक टूटे हुए मिट्टी के घर में रहना न केवल उनके लिए एक बड़ा जोखिम है, बल्कि उनके शिक्षा और भविष्य की संभावनाओं पर भी गहरा असर डाल रहा है।

कुंदन राम, ललिता देवी के भाई, ने बताया कि बारिश के मौसम में उनके घर में पानी भर जाता है, जिससे पढ़ाई और सामान्य जीवन में कई बाधाएं आती हैं। उनका कहना है कि उन्होंने कई बार कॉलोनी फॉर्म भरकर जमा किया, लेकिन अब तक उन्हें किसी प्रकार की सहायता नहीं मिली है।

बरसात का कहर और टूटते मकान का खतरा

बरसात के मौसम में, ललिता देवी का घर किसी भी समय ढहने का खतरा बना रहता है। मिट्टी के घर की दीवारें कमजोर हो चुकी हैं, और पानी भरने से यह खतरा और भी बढ़ जाता है। परिवार के लिए हर बरसात एक नई चुनौती लेकर आती है, जिसमें न केवल उनके जीवन को खतरा होता है, बल्कि उनके सीमित संसाधनों से जीने के संघर्ष को और कठिन बना देती है।

सरकारी योजनाओं से वंचित

ललिता देवी और उनका परिवार कई बार आवास योजना के तहत लाभ प्राप्त करने का प्रयास कर चुके हैं। उन्होंने अपने आवेदन डीसी तक पहुंचाए हैं, लेकिन अब तक किसी भी तरह की सहायता नहीं मिली है। यह बेहद चिंताजनक है कि एक परिवार, जो बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित है, अभी तक सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा सका है।

झारखंड सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना का मुख्य उद्देश्य यही है कि गरीब और जरूरतमंद लोगों को सुरक्षित और स्थायी आवास मिले। लेकिन ललिता देवी का परिवार अब भी इस योजना के लाभ से दूर है। यह स्थिति बताती है कि सरकार और प्रशासन की योजनाओं का क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर कितनी गंभीर समस्याओं का सामना कर रहा है।

कुंदन राम का सपना: पढ़ाई के जरिए भविष्य बदलने की कोशिश

कुंदन राम, ललिता देवी के भाई, ने अपने परिवार की इस कठिन परिस्थिति के बावजूद अपनी पढ़ाई जारी रखी है। वह कहते हैं, “हम पढ़ाई करते हैं और साथ में काम भी करते हैं, लेकिन घर की स्थिति बहुत खराब है।” कुंदन राम का सपना है कि वह अपनी पढ़ाई पूरी कर एक बेहतर भविष्य बना सकें, लेकिन मिट्टी के इस कमजोर घर में पढ़ाई करना आसान नहीं है। यह केवल पढ़ाई के लिए एक चुनौती नहीं है, बल्कि उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी खतरा है।

क्या होगा ललिता देवी के परिवार का भविष्य?

यह सवाल अब भी बना हुआ है कि क्या ललिता देवी और उनके परिवार को कभी सरकार की योजनाओं का लाभ मिलेगा? क्या उन्हें एक सुरक्षित और स्थायी घर मिल पाएगा, जिसमें वे सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें? यह सरकार और प्रशासन के लिए एक गंभीर सवाल है, क्योंकि ऐसे परिवार जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और जिनके पास किसी भी प्रकार की सुरक्षा नहीं है, उन्हें तत्काल मदद की आवश्यकता है।

समाज और सरकार को चाहिए ठोस कदम

ललिता देवी और उनके परिवार की कहानी सिर्फ एक परिवार की नहीं है, बल्कि यह हजारों ऐसे परिवारों की कहानी है जो सरकारी योजनाओं से वंचित रह जाते हैं। सरकार और समाज को चाहिए कि वे इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करें और उन लोगों तक मदद पहुंचाएं जो वास्तव में इसकी जरूरत में हैं।

सरकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए यह जरूरी है कि जमीनी स्तर पर पारदर्शिता हो और जरूरतमंद लोगों तक सहायता तेजी से पहुंच सके। ललिता देवी के जैसे कई परिवार इस बात की प्रतीक्षा कर रहे हैं कि उन्हें एक सुरक्षित और स्थायी आवास मिले, जिससे उनका जीवन और भविष्य सुरक्षित हो सके।

ललिता देवी के परिवार की मदद के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता

ललिता देवी और उनके परिवार की स्थिति को देखकर यह स्पष्ट है कि उन्हें तुरंत मदद की जरूरत है। चाहे वह सरकारी योजनाओं के तहत मिले लाभ हो या समाज की ओर से सहायता, इस परिवार का जीवन तब तक सुरक्षित नहीं है जब तक उन्हें एक स्थायी और सुरक्षित आवास नहीं मिल जाता। समाज के हर वर्ग को, विशेषकर प्रशासन और सरकार को, इस दिशा में तेजी से कदम उठाने की जरूरत है।

News – Praveen Kumar.

Edited by – Sanjana Kumari.

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