1. झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद में 70 नई नियुक्तियाँ: राज्य के विकास की दिशा में बड़ा कदम
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद (JEPC), झारखंड भवन, और मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग में 70 नए अधिकारियों को नियुक्ति पत्र सौंपा। इसमें लॉ एग्जीक्यूटिव, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, असिस्टेंट इंजीनियर और स्कूल मैनेजर शामिल हैं। इन नियुक्तियों से राज्य के शिक्षा तंत्र को मजबूती मिलेगी और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार को नई गति मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने नवनियुक्तों को संबोधित करते हुए कहा, “आप अब सरकार के एक महत्वपूर्ण अंग बन गए हैं। मुझे विश्वास है कि आप झारखंड को बेहतर दिशा देने में अहम भूमिका निभाएंगे।”
2. तीन नए विद्यालयों का शिलान्यास: नेतरहाट आवासीय विद्यालय की तर्ज पर
समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने चाईबासा के खूंटपानी, बोकारो के नवाडीह और दुमका के मसलिया में तीन नए विद्यालयों का ऑनलाइन शिलान्यास किया। ये विद्यालय नेतरहाट आवासीय विद्यालय की तर्ज पर स्थापित किए जा रहे हैं, जो राज्य में शिक्षा के मानकों को और ऊंचाई देंगे।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, “हमारा उद्देश्य झारखंड को उत्कृष्ट शिक्षा का केंद्र बनाना है, और ये नए विद्यालय उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।”
3. बोर्ड परीक्षा और ओलंपियाड के टॉपर्स का सम्मान: शिक्षा के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को और मजबूत करते हुए, मुख्यमंत्री ने जैक, सीबीएसई, और आईसीएसई बोर्ड के 10वीं और 12वीं कक्षा के टॉपर्स के साथ-साथ झारखंड ओलंपियाड – 2023 के विजेताओं को सम्मानित किया। इसके अलावा, 60 स्कूलों को भी प्रमाणिकता में स्वर्ण स्थान प्राप्त करने के लिए सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री ने मेधावी छात्रों से कहा, “यह पुरस्कार नहीं, बल्कि एक प्रोत्साहन राशि है, ताकि आप आगे की शिक्षा बेहतर तरीके से प्राप्त कर सकें। राज्य का उद्देश्य अपने मेधावी छात्रों की शिक्षा को नई दिशा देना है।”
4. पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना का विस्तार: वैश्विक शिक्षा की ओर एक कदम
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना का दायरा बढ़ाने की घोषणा की, जिसके तहत झारखंड के छात्रों को विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। इस योजना का लाभ अभी सीमित संख्या में छात्रों को मिल रहा है, लेकिन सरकार जल्द ही इसे और विस्तारित करने के लिए नीतिगत निर्णय लेगी।
यह योजना झारखंड की पहचान को केवल खनिज संपदा तक सीमित न रखकर, शिक्षा और प्रतिभा के रूप में भी मजबूत करने की दिशा में एक कदम है। मुख्यमंत्री ने कहा, “हम चाहते हैं कि झारखंड की पहचान उसकी प्रतिभा से भी हो, न कि सिर्फ खनिज संपदा से।”
5. शिक्षा के सशक्तिकरण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता: इस पूरे समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि उनकी सरकार शिक्षा के सशक्तिकरण के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। चाहे वह नए स्कूलों का निर्माण हो, नए नियुक्तियों के माध्यम से शिक्षा तंत्र को मजबूत करना हो, या मेधावी छात्रों का सम्मान हो, राज्य शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर सुधार की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हम झारखंड को एक ऐसे राज्य के रूप में स्थापित करना चाहते हैं, जहाँ शिक्षा और प्रतिभा का विकास हो, और आज के ये कदम उसी दिशा में हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।”
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की शिक्षा के क्षेत्र में नेतृत्व ने झारखंड को एक नई दिशा दी है। नई नियुक्तियों से लेकर स्कूलों के शिलान्यास और छात्रों को सम्मानित करने तक, सरकार ने शिक्षा के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इन पहलों के साथ, झारखंड एक शैक्षणिक उत्कृष्टता का केंद्र बनने की ओर तेजी से अग्रसर हो रहा है।
News Desk