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Wednesday, October 16, 2024
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भारी मात्रा में अवैध अंग्रेजी शराब बरामद, अभियुक्त गिरफ्तार और गुमला जेल भेजा गया

गुमला पुलिस ने अवैध अंग्रेजी शराब की एक बड़ी खेप जब्त की है और इसके अवैध व्यापार में शामिल एक अभियुक्त को गिरफ्तार किया है। इस महत्वपूर्ण कार्रवाई के तहत, पुलिस ने न केवल शराब की तस्करी की रोकथाम की बल्कि इस मामले में दोषी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। यह घटना गुमला क्षेत्र में शराब की तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

गुप्त सूचना पर त्वरित कार्रवाई से हुई बड़ी बरामदगी

15 अक्टूबर 2024 को लगभग 3:30 बजे, गुमला के पुलिस अधीक्षक शंभू कुमार सिंह को एक गुप्त सूचना मिली कि गुमला जिले के पालकोट थाना क्षेत्र के बधीमा गाँव में एक व्यक्ति अवैध

रूप से बड़ी मात्रा में अंग्रेजी शराब जमा कर रहा है। इस सूचना के आधार पर, पुलिस अधीक्षक ने तत्काल एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया, जिसका नेतृत्व अंचल निरीक्षक बसिया, राजेंद्र कुमार राम ने किया। इस टीम में प्रमुख सदस्य थाना प्रभारी मोहम्मद जहांगीर, सूबेदार कुमार यादव, रामचंद्र यादव, अर्जुन सिंह, और सशस्त्र बल के आरक्षी मनोज कुमार और बुधराम टोपनो शामिल थे।

आरोपी की गिरफ्तारी और अवैध शराब की बरामदगी

SIT ने सूचना के आधार पर कमेेश्वर साहू (पिता- हीरामन साहू) के घर पर छापा मारा, जो बधीमा गाँव में स्थित है। टीम ने पूरे घर को चारों ओर से घेर लिया और तलाशी शुरू की। तलाशी के दौरान, बड़ी मात्रा में अंग्रेजी शराब की बोतलें बरामद की गईं, जिन्हें अवैध रूप से बेचा जाना था।

छापेमारी के बाद, अभियुक्त कमेश्वर साहू को पालकोट थाना कांड संख्या 50/2024 के तहत गिरफ्तार किया गया, जो 14 अक्टूबर 2024 को दर्ज किया गया था। उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 274, 275, बीएनपी अधिनियम 2023, और 47 उत्पाद अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया और न्यायालय में प्रस्तुत कर गुमला जेल भेज दिया गया।

गुमला में शराब की तस्करी: एक बढ़ती हुई समस्या

झारखंड के कई हिस्सों की तरह, गुमला में भी अवैध शराब की तस्करी एक गंभीर समस्या बनी हुई है। खासकर विदेशी अंग्रेजी शराब की तस्करी में तेजी आई है, जिसे अवैध रूप से बेचने के लिए काले बाजार में लाया जाता है। यह न केवल कानून व्यवस्था को चुनौती देता है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा पैदा करता है।

शराब की तस्करी न केवल समाज को प्रभावित करती है, बल्कि इससे काला बाजार भी फलता-फूलता है, जिसमें कर चोरी और नियमों की अवहेलना की जाती है। 2023 BNP अधिनियम और 47 उत्पाद अधिनियम जैसी सख्त कानूनी प्रावधानों के बावजूद, इस अवैध कारोबार को रोकने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इस मामले में हुई कार्रवाई यह दर्शाती है कि स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियां इस समस्या से निपटने के लिए और भी मजबूत हो रही हैं।

कानून प्रवर्तन की निर्णायक भूमिका

पुलिस अधीक्षक शंभू कुमार सिंह द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई और SIT के गठन ने यह साबित कर दिया कि कानून प्रवर्तन किस प्रकार तत्पर और प्रभावी हो सकता है। SIT की स्थापना ने इस ऑपरेशन को तेज और सफलतापूर्वक अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह कदम गुमला क्षेत्र में शराब की तस्करी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

पालकोट पुलिस ने पहले भी अवैध गतिविधियों के खिलाफ सफलता पाई है, और यह हालिया कार्रवाई उनकी सतर्कता और सक्रियता को दर्शाती है। पुलिस विभाग लगातार सूचना प्राप्त कर इस प्रकार की गतिविधियों पर नजर रख रहा है और समय पर कार्रवाई कर रहा है।

काला बाज़ार के खिलाफ संघर्ष: एक निरंतर चुनौती

अवैध शराब का व्यापार भारत के कई हिस्सों में एक बड़ी समस्या है। यह व्यापार उच्च मांग और कर चोरी के कारण अत्यधिक लाभकारी है, जिससे तस्कर आकर्षित होते हैं। लेकिन अवैध शराब के सेवन से जुड़े खतरों, जिसमें स्वास्थ्य समस्याएँ और मौतें भी शामिल हैं, को देखते हुए इस व्यापार पर सख्ती से रोक लगाना आवश्यक हो जाता है।

राज्य सरकार और स्थानीय पुलिस बल इस समस्या से निपटने के लिए सख्त कानूनों और कड़ी निगरानी की कोशिश कर रहे हैं। गुमला में हालिया छापेमारी इस बात का उदाहरण है कि स्थानीय समुदाय के सहयोग से इस समस्या का समाधान किया जा सकता है।

सार्वजनिक सहयोग और सतर्कता की जरूरत

अधिकारियों द्वारा अवैध गतिविधियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई में जनता की सतर्कता और सहयोग महत्वपूर्ण है। जब स्थानीय समुदाय इन गतिविधियों के बारे में सही जानकारी पुलिस को प्रदान करते हैं, तो पुलिस समय पर और प्रभावी कार्रवाई कर सकती है।

गिरफ्तारी के बाद पुलिस अधीक्षक शंभू कुमार सिंह ने कहा,

“ऐसी सफलताओं के पीछे स्थानीय जनता का सहयोग बेहद महत्वपूर्ण होता है। जब लोग जागरूक होकर हमें जानकारी देते हैं, तो हम समय रहते कार्रवाई कर सकते हैं।”

भविष्य की राह: कानून प्रवर्तन को और मजबूत करना

गुमला में अवैध शराब की बरामदगी कानून व्यवस्था के लिए एक बड़ी सफलता है, लेकिन यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। यह एक निरंतर प्रयास है जिसमें कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सतर्क रहना होगा और सामुदायिक सहयोग से ही इस समस्या का समाधान संभव है।

पुलिस विभाग भविष्य में भी ऐसी छापेमारी को और तीव्र करेगा और उन क्षेत्रों पर खास निगरानी रखेगा जहां शराब तस्करी की संभावना अधिक होती है। जनता की जागरूकता बढ़ाकर और कानून का कड़ाई से पालन कराकर गुमला को एक सुरक्षित और अवैध गतिविधियों से मुक्त समाज बनाया जा सकता है।

जनता की जिम्मेदारी: कानून का पालन और जागरूकता

जबकि कानून प्रवर्तन एजेंसियां अपना काम कर रही हैं, समाज के प्रत्येक नागरिक की भी जिम्मेदारी है कि वह कानून का पालन करे और अवैध गतिविधियों के बारे में अधिकारियों को सूचित करे। अगर आपको अपने क्षेत्र में किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि का संदेह है, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें ताकि आपका क्षेत्र सुरक्षित रह सके।

न्यूज़ – गनपत लाल चौरसिया

Edited – Sanjana Kumari.

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