गुमला: मंगलवार को गुमला के चंदाली ग्राम स्थित नए समाहरणालय भवन में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में साप्ताहिक जन शिकायत निवारण दिवस का आयोजन किया गया। यह एक महत्वपूर्ण पहल है, जहां जिले के विभिन्न प्रखंडों से दूर-दराज के नागरिक अपनी समस्याओं को सीधे प्रशासन के सामने रखते हैं और उनके निवारण की उम्मीद करते हैं। इस बार भी विभिन्न मुद्दों पर लोगों ने अपनी शिकायतें उपायुक्त के समक्ष रखीं और जल्द समाधान की मांग की।
नागरिकों की समस्याएं और प्रशासन का त्वरित उत्तरदायित्व
साप्ताहिक जन शिकायत निवारण दिवस का उद्देश्य जिले के सभी नागरिकों को एक मंच प्रदान करना है, जहां वे बिना किसी मध्यस्थ के अपनी समस्याओं को सीधे प्रशासनिक अधिकारियों के
सामने रख सकें। इस बार, विभिन्न प्रखंडों से आए नागरिकों ने अपनी व्यक्तिगत और सामुदायिक समस्याओं को साझा किया।
सिसई की रेणु कुमारी ने राशन कार्ड बनाने के लिए आवेदन दिया, जबकि डुमरी के मोहम्मद तौकीर जैद ने नौकरी दिलाने में मदद की गुहार लगाई। कुछ अन्य नागरिकों ने चौकीदार बहाली प्रक्रिया को जल्द पूर्ण करने की मांग की, जिससे बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें। वहीं, नए समाहरणालय भवन के पास कैंटीन या होटल खोलने के लिए जगह की मांग भी की गई।
व्यक्तिगत समस्याएं और प्रशासन की कार्रवाई
जन शिकायत निवारण दिवस पर कई व्यक्तिगत समस्याएं भी सामने आईं।
विशुनपुर की बैजयंती कुमारी साहू ने बताया कि उनके पति, जो एक पीडीएस विक्रेता थे, का निधन हो चुका है। अब वह खुद उस दुकान को चलाना चाहती हैं और इसके लिए उपायुक्त से सहायता की मांग की। इस पर उपायुक्त ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जिला आपूर्ति पदाधिकारी को निर्देश दिया कि बैजयंती कुमारी को आवश्यक सहायता प्रदान की जाए।
यह पहल न केवल बैजयंती कुमारी जैसे लोगों की आजीविका सुनिश्चित करने का प्रयास है, बल्कि यह समाज में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
ग्रामीण समस्याएं: बुनियादी ढांचे का अभाव
ग्रामीण क्षेत्रों से भी कई समस्याएं सामने आईं, जो विकास और बुनियादी ढांचे की कमी को उजागर करती हैं।
फसिया नदी टोली ग्राम के निवासियों ने शिकायत की कि उनके गांव में सड़क और नाले की अनुपस्थिति के कारण गंदा पानी सड़कों पर बहता है, जिससे स्वास्थ्य और सफाई की गंभीर समस्या उत्पन्न हो रही है। ग्रामीणों ने उपायुक्त से इस स्थिति पर ध्यान देने और सड़क एवं नाले का निर्माण करवाने का अनुरोध किया।
इसी तरह, घाघरा ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने पीएचईडी विभाग द्वारा कराई गई डीप बोरिंग के खराब हो जाने के कारण उत्पन्न पेयजल संकट को लेकर उपायुक्त से मशीन ठीक करवाने की अपील की। पानी जैसी मूलभूत आवश्यकता की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों को उम्मीद है कि उनकी इस समस्या का समाधान जल्द होगा।
प्रशासन की पहल और समाधान की उम्मीद
उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने सभी समस्याओं को गंभीरता से सुना और संबंधित विभागों को त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए। जन शिकायत निवारण दिवस का आयोजन इस बात का प्रतीक है कि स्थानीय प्रशासन आम जनता की समस्याओं के प्रति सजग है और उन्हें हल करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उपायुक्त द्वारा जिला आपूर्ति पदाधिकारी, सड़क निर्माण विभाग और पीएचईडी विभाग जैसे संबंधित अधिकारियों को निर्देश देना इस बात का संकेत है कि प्रशासन जनता की समस्याओं का समाधान करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
जन शिकायत निवारण दिवस: एक सशक्त पहल
गुमला में आयोजित जन शिकायत निवारण दिवस जनता और प्रशासन के बीच सीधे संवाद की एक सशक्त कड़ी है। यह पहल प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देती है, जिससे जनता को यह विश्वास होता है कि उनकी समस्याओं को गंभीरता से लिया जाएगा और उनका समाधान भी जल्द किया जाएगा।
इसके साथ ही, यह कार्यक्रम ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में विकासात्मक कार्यों की पहचान करने और उन्हें प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने का एक मंच भी प्रदान करता है। चाहे वह राशन कार्ड हो, सड़क और नाले का निर्माण हो, या पेयजल समस्या—हर समस्या का समाधान एक जिम्मेदार प्रशासन द्वारा सुनिश्चित किया जा रहा है।
आगे की राह: प्रशासन और जनता का सहयोग
गुमला में जन शिकायत निवारण दिवस जैसे कार्यक्रमों से यह साफ़ हो जाता है कि प्रशासन और जनता के बीच एक सकारात्मक सहयोग की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। इससे न केवल समस्याओं का समाधान होता है, बल्कि जनता और प्रशासन के बीच विश्वास भी मजबूत होता है।
उपायुक्त द्वारा दिए गए निर्देशों से जनता को आशा है कि उनकी शिकायतें जल्द से जल्द सुलझाई जाएंगी। इस प्रकार के कार्यक्रमों का विस्तार और अधिक नियमितता से होने से प्रशासन की जनता के प्रति जवाबदेही और पारदर्शिता को और बढ़ावा मिलेगा।
समाधान की दिशा में ठोस कदम
जन शिकायत निवारण दिवस जैसे कार्यक्रम न केवल जनता की समस्याओं को हल करने का जरिया हैं, बल्कि यह प्रशासनिक दक्षता और उत्तरदायित्व की दिशा में भी एक ठोस कदम है। इस आयोजन ने यह साबित कर दिया है कि जब प्रशासन जनता की आवाज़ को सुनता है, तो समस्याओं का समाधान भी संभव हो जाता है।
सार्वजनिक सहयोग और प्रशासनिक तत्परता के साथ, गुमला जैसे जिले में विकास की गति को और तेज किया जा सकता है, जिससे हर नागरिक की जरूरतों को पूरा किया जा सके।
न्यूज़ – गनपत लाल चौरसिया
Edited – Sanjana Kumari.
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