गिरिडीह (कमलनयन) : जिले की जमुआ विधानसभा सीट से 2019 में जीते भारतीय जनता पार्टी के विधायक केदार हाजरा ने शुक्रवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा का दामने के साथ ही लगभग तय माना जा रहा है कि अब इस सीट पर इंडिया ब्लॉक के बैनर तले केदार हाजरा चुनाव लड़ेंगे। केदार हाजरा के शामिल होने से जेएमएम खेमे में काफी उसाह का माहौल है। वहीं कांग्रेस खेमे में मायूसी है. दशकों बाद इस बार कांग्रेस के जमुआ में खाता खोले जाने की उम्मीद थी, वह भी घुंधली हो गई। कांग्रेस को ऐसा लगने लगा है कि इंडिया गठबंधन में जमुआ सीट की प्रबल दावेदार रही कांग्रेस को शायद यह सीट गंवानी पड़ सकती है. गौरतलब है कि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमो-कांग्रेस और राजद का गठबंधन था। गठबंधन के तहत कांग्रेस को जिले की छह में से जमुआ और दूसरी सीट बगोदर थी।
2019 में केदार हाजरा को मंजू देवी से मिली थी कड़ी टक्कर
बगोदर में कांग्रेस के प्रत्याशी बासुदेव प्रसाद वर्मा को महज 2049 वोट हासिल हुए थे, जबकि जमुआ सीट पर कांग्रेस से खड़ी डा. मंजू देवी ने भाजपा के उम्मीदवार केदार हाजरा को कड़ी टक्कर दी थी. डा. मंजू को 40293 मत मिले थे. इसी को लेकर 2024 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की दावेदारी मजबूत थी। कांग्रेस सूत्रों के मुताविक डा. मंजू को कांग्रेस का टिकट मिलना लगभग तय माना जा रहा था। इस बीच बीते 14 अक्टूबर को डा. मंजू ने कांग्रेस को अलविदा करके भाजपा में शामिल हो गई। हालांकि देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी ने एक अन्य प्रत्याशी डा. समीर राज चौधरी को सामने लाकर अपना दावा बरकरार रखने की पूरी कोशिश की, लेकिन केदार हाजरा के जेएमएम में शामिल होने के बाद इस कोशिश पर भी फिलहाल ग्रहण लगता दिखाई दे रहा है।
अब गिरिडीह से नहीं, गांडेय से चुनाव लड़ेंगे रवींद्र राय
रवींद्र राय अब गिरिडीह सदर सीट से नहीं बल्कि गांडेय सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. पहले यह चर्चा थी कि रवींद्र राय गिरिडीह सदर से चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन यहां से निर्भय शाहाबादी के लड़ने की चर्चा है. इसलिए रवींद्र राय को पहली बार गांडेय सीट दी गई है. वैसे गांडेय विधानसभा क्षेत्र कोडरमा लोकसभा क्षेत्र में पड़ता है. दो दिन पूर्व यह खबर तेजी से फैली कि राजधनवार से बाबूलाल मरांडी को टिकट मिलना तय है तो, फिर रवींद्र राय को कौन सी सीट दी जाएगी. इसके बाद रवींद्र राय के बारे में सोशल मीडिया में यह खबर आई की रवींद्र राय झामुमो का दामन थाम सकते हैं. इसकी खबर मिलने के तुरंत बाद स्वंय रवींद्र राय ने इस खबर का खंडन किया. उन्होंने कहा कि 2019 उन्हें टिकट नहीं मिलने पर यह अफवाह उड़ायी गई थी कि वे भाजपा को अलविदा कह सकते हैं. बता दें कि गांडेय उपचुनाव में झामुमो के टिकट पर लड़कर कल्पना सोरेन विधायक बन चुुुकी हैं. वैसे ये किसी को उम्मीद नहीं थी कि रवींद्र राय को कल्पना के मुकाबले चुनाव लड़ाया जाएगा. अब गांडेय सीट पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है.