रांची : झारखंड के विधानसभा चुनाव में दिग्गजों को पटकनी देने के लिए भाजपा-कांग्रेस और झामुमो की ओर से रणनीति बन रही है. इसमें अभी तक झामुमो जरूर सफल हुई है लेकिन भाजपा अभी टूट-फूट की आंधी चल रही है. इसलिए अभी उधर मनाने-पटाने का दौर चल रहा है. वैसे भाजपा ने लूईस मरांडी को बरहेट भेजकर हेमंत सोरेन के गढ़ में भेजना चाहती थी. लेकिन भाजपा का ये मिशन फेल हो गया. अब चर्चा है कि बरहेट से लोबिन हेम्ब्रम के बेटे अजय हेब्रम को हेमंत सोरेन के मुकाबले उतारा जा सकता है. बरहेट सीट झामुमो का अभेद्य किला है। यहां से लगातार झामुमो के प्रत्याशी ही जीतते रहे हैं। लोगों में इस बात की उत्सुकता है कि आखिर इस सीट से हेमंत सोरेन के खिलाफ कौन चुनाव लड़ेगा। चर्चा है कि नये-नये भाजपाई बने नेता लोबिन हेंब्रम के बेटे अजय हेम्ब्रम निर्दलीय उम्मीदवार बनने की बात सामने आई है. अजय हेंब्रम ने नामांकन पत्र खरीद लिया है।
अब किसे मिलेेेगा भाजपा से बरहेट का टिकट?
बरहेट में नामांकन की प्रक्रिया शुरू भी हो गई. दूसरे चरण में मतदान होना है। हेमंत सोरेन यहां से 24 अक्टूबर को नामांकन करेंगे। लूईस मरांडी के इंकार करने और उनके झामुमो में शामिल होने के बाद अब हेमंत सोरेन की घेराबंदी की रणनीति पर भाजपा में तेजी से मंथन चल रहा है. इस मामले में बरहेट के बहुत पुराने झामुमो नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि लोबिन हेम्ब्रम स्वयं बोरियो छोड़कर बरहेट से हेमंत सोरेन के खिलाफ क्यों नहीं चुनाव मैदान में कूद जाते हैं. ताला मरांडी के लिए वे बोरियो छोड़ दें या अपने बेटे को वहां से लड़ा दें. बहरहाल, लूईस मरांडी के झामुमो में जाने के बाद संतालपरगना में भाजपा के लिए चुनावी रणनीति का एंगल बदल सकता है.