सुप्रियो ने अमित शाह से सवालों की बौछार की…11 सालों में अगर देश में घुसपैठ हुई तो, इसका जिम्मेवार कौन है? सरहद की सीमा की सुरक्षा किसके जिम्मे है? सबसे अधिक सालों तक झारखंड में आपकी सरकार ने शासन किया. क्या चंद सालों में डेमोग्राफी बदल गई? घुसपैठिए अगर चार-पांच सालों में लाखों की संख्या में प्रवेश कर गए तो पिछले 15-16 सालों में बीएसएफ ने क्या कदम उठाए? पहले इसका जवाब दीजिए…!
रांची : केंद्र सरकार ने असम में एनआरसी लागू किया, इसका रिजल्ट क्या मिला? वहां के डिटेंशन कैंप की स्थिति क्या है? आपने उत्तराखंड में यूसीसी लागू किया। आपको वहां क्या मिला?
अमित शाह ने बताया है कि यहां यूसीसी औऱ एनआरसी लागू होगा, ये कहकर आप किसे डराते हैं? हिम्मत है तो लागू करके दिखाइए. झारखंड में आप लागू नहीं करा सकते. दरअसल, अमित शाह इतने पक्षपाती हो गये हैं कि बांग्लाभाषी को बांग्लादेशी बोलने लगे हैं. संथाल, कोल्हान और कोयलांचल से लेकर द. छोटानागपुर तक की दो तिहाई आबादी बांग्ला भाषी है… आपने सबको बांग्लादेशी बना दिया।
जेएमएम के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने रविवार को पीसी कर बीजेपी के संकल्प पत्र का ऑपरेशन कर रहे थे. सु्प्रियो ने तंज करते हुए कहा कि इसमें सिर्फ मोदी ही मोदी दिखाई पड़ रहे हैं। हां, कवर पर बाबूलाल मरांडी को देखकर अच्छा लगा। बाबूलाल को बहुत दिनों के बाद ऐसी जगह मिली है।
11 साल में 20 करोड़ नौकरियां छीन कर आप हमसे जवाब मांग रहे हैं…!
उन्होंने कहा कि अमित शाह ने आज की जनसभा में हेमंत सोरेन से कुछ सवाल पूछे हैं। पूछा है कि पांच साल में पांच लाख की नौकरी देने की बात हमने की थी। इस पर सुप्रियो ने कहा कि ये चुनाव बाबूलाल नहीं लड़ रहे हैं मोदी लड़ रहे हैं, तो 11 साल में हर साल 2 करोड़ नौकरी देने का वादा किया था, क्या हुआ आपके वादे का? अमित शाह में अगर हिम्मत है, तो जवाब दें। उनके वादे के अनुसार 22 करोड़ लोगों को नौकरियां मिल गईं?
जेएमएम नेता ने कहा कि 22 करोड़ छोड़िए 2 करोड़ की ही बात कीजिये। आपने तो नौकरी देने के बदले 11 सालों में 20 करोड़ लोगों की नौकरियां छीनी हैं। सेना में भर्ती का मामला हो, चाहे वो सर्विस सेक्टर हो, चाहे वो टेलीकॉम सेक्टर हो या फिर गर्वमेंट सेक्टर हो. 11 साल में 20 करोड़ नौकरियां छीन कर आप हमसे जवाब मांग रहे हैं, पहले अपने गिरेबान में थोड़ा झांक कर तो देखिए.
भ्रष्टाचार के आरोप में जिनके खिलाफ बुकलेट निकाला था, वे आज असम के सीएम हैं
सुप्रियो ने घुसपैठ और डेमोग्राफी पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि असम से होकर घुसपैठ होती है और उसका मुख्यमंत्री आज यहां आकर अनाप-शनाप बक रहा है. उन्होंने अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि आपने कहा कि आज जितने भी बड़े भ्रष्टाचारी हैं, वे आपकी पार्टी में हैं। कोई मंत्री है और कोई मुख्यमंत्री है।
अगर व्यापम घोटाले से शुरू करें तो शिवराज चौहान भी मुख्यमंत्री भी रहे। केंद्रीय मंत्री भी हैं आज और यहां चुनाव प्रभारी भी हैं। असम का वाटर गेट, जिसके खिलाफ कांग्रेस के शासन में हिमंता मंत्री थे, जिसपर आपने उनके खिलाफ बुकलेट निकाला था, वे आज असम के सीएम हैं।
कहा कि दलित की पीठ में छुरा मारकर हिमंता बिस्वा सरमा को सीएम बनाया गया औऱ आज वे भी यहां के चुनाव सह प्रभारी हैं। सत्तर हजार करोड़ की जिसकी संपत्ति ईडी ने जब्त की है, आज आपने अजित पवार को महाराष्ट्र में उप मुख्यमंत्री बना दिया।
सुप्रियो ने अमित शाह से पूछा, आपने येदुरप्पा को सीएम कैसे बनाया? कहा कि बाहर के नेताओं की बात आप छोड़ दीजिये। कमलेश सिंह को यहां आपने किसलिए साथ लिया? मधु कोड़ा जैसे कोल घाटोलेबाज जैसे सजायाफ्ता को आपने अपने साथ कैसे रख लिया?
आर्थिक भ्रष्टाचार के आरोप में जमानत पर चल रहे भानु प्रताप शाही को आपने कैसे साथ ले लिया? इसपर आप कुतर्क देंगे कि कानून अपना काम कर रहा है. जांच एजेंसियां किसके इशारे पर चल रहा है, ये देश को ही नहीं पूरी दुनिया को पता है.
आप कुर्तक गढ़ सकते हैं, लेकिन जवाब नहीं दे पाएंगे. 2014 से आपकी सरकार है. आपकी सरकार की भ्रष्टाचार कथा पर पूरी किताब लिखी जा सकती है.
निगेटिव नरेटिव के बल पर झारखंड के अवाम को बरगलाना मुश्किल
उन्होंने सवाल किया कि ये बताइये कि 2011 में अंतिम जनगणना है। 11 सालों में अगर देश में घुसपैठ हुई तो, इसका जिम्मेवार कौन है? सरहद की सीमा की सुरक्षा किसके जिम्मे है? सबसे अधिक सालों तक झारखंड में आपकी सरकार ने शासन किया. क्या एक दिन में डेमोग्राफी बदल गई?
घुसपैठिए क्या चार-पांच सालों में लाखों की संख्या में प्रवेश कर गए? पिछले 15-16 सालों में बीएसएफ ने क्या कदम उठाए? इस मसले पर कभी आपने हेमंत सरकार से पत्र व्यवहार क्यों नहीं किया? कभी कोई केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल राज्य सरकार से क्यों नहीं मिला? आप कहते हैं कि जब भाजपा की सरकार यहां बन जाएगी तो, घुसपैठियों को चुन-चुन कर निकालेंगे.
पिछले 11 साल तक इसपर पहल क्यों नहीं की? संतालपरगना के भाजपा के सांसदों-विधायकों ने घुसपैठ के मामले पर कभी आंदोलन क्यों नहीं किया? घुसपैठ या डेमोग्राफी के मामले में स्थानीय स्तर पर आपके माननीयों ने कभी केंद्र-राज्य पर दबाव क्यों नहीं बनाया? कभी ये लोग केंद्र या राज्य सरकार पर दबाव क्यों नहीं बनाया? दरअसल, निगेटिव नरेटिव गढ़ कर आप यहां से वोट बटोरना चाहते हैं, लेकिन इस मामले में आपका ये फंडा नहीं चला है.