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Thursday, November 14, 2024
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डायन बिसाही के शक में हत्या: गुमला जिले में 78 वर्षीय महिला की कुल्हाड़ी से हत्या, आरोपी जेल भेजा गया

गुमला जिले में डायन-बिसाही के अंधविश्वास के चलते एक और निर्दोष महिला की जान चली गई। रायडीह प्रखंड के सुरसांग थाना क्षेत्र के बिरकेरा गाँव में 78 वर्षीय सोमारी देवी की उनके ही पड़ोसी द्वारा कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी गई। इस हृदयविदारक घटना ने न केवल गाँव के निवासियों को झकझोर दिया है, बल्कि समाज में अंधविश्वास और इसके प्रभाव को भी उजागर किया है। पुलिस ने आरोपी मंगल चिक बड़ाइक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है और मामले की गहन जांच शुरू कर दी है।


घटना का विवरण: अंधविश्वास का नतीजा बनी वृद्ध महिला

सोमवार रात जब गाँव के लोग गहरी नींद में थे, तभी आरोपी मंगल चिक बड़ाइक ने वृद्ध महिला के घर का दरवाजा तोड़ा और अंदर घुसकर उन पर बेरहमी से कुल्हाड़ी से वार किया। 78 वर्षीय सोमारी देवी, जिनका पति स्वर्गीय रोपना किसान थे, सो रही थीं जब अचानक उन पर हमला कर दिया गया। पुलिस के अनुसार आरोपी ने महिला पर कई बार कुल्हाड़ी से वार किया, जिससे घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई।

मंगलवार सुबह जब ग्रामीणों को इस भयावह घटना के बारे में पता चला, तो उन्होंने तुरंत सुरसांग थाना को सूचित किया। सूचना मिलते ही सुरसांग थाना प्रभारी मुकेश कुमार टुडू अपने दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए गुमला सदर अस्पताल भेजा गया।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई और आरोपी की गिरफ्तारी

घटना के तुरंत बाद, पुलिस ने आरोपी मंगल चिक बड़ाइक को गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया। आरोपी को अब गुमला जेल भेजा गया है। पुलिस ने आरोपी के बयान और घटनास्थल से जुटाए गए सबूतों के आधार पर कहा कि यह हत्या डायन-बिसाही के शक के चलते की गई है। आरोपी ने वृद्ध महिला पर डायन होने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ घातक कदम उठाया।

इस प्रकार की त्वरित कार्रवाई से पुलिस ने ग्रामीणों में सुरक्षा की भावना कायम करने का प्रयास किया है। सुरसांग थाने की पुलिस अब मामले की तह तक पहुँचने की कोशिश में जुटी हुई है, ताकि यह पता चल सके कि इस जघन्य कृत्य के पीछे और कौन-कौन से लोग शामिल हैं, और यह घटना अंधविश्वास का नतीजा है या इसके पीछे अन्य कारण भी हैं।

डायन-बिसाही: समाज में फैला हुआ अंधविश्वास

डायन-बिसाही का अंधविश्वास गुमला और झारखंड के अन्य आदिवासी बहुल क्षेत्रों में गहरी जड़ें जमा चुका है। कई मामलों में महिलाएँ, खासकर वृद्ध महिलाएँ, इस प्रकार के अंधविश्वास के कारण निशाना बनती हैं। इन महिलाओं पर अक्सर डायन होने का झूठा आरोप लगाया जाता है, और समाज में उन्हें प्रताड़ित किया जाता है। ऐसी घटनाएँ यह सवाल खड़ा करती हैं कि कैसे अज्ञानता और अंधविश्वास के चलते निर्दोष लोग इस तरह के दर्दनाक अपराधों के शिकार बन जाते हैं।

गुमला जिला प्रशासन और पुलिस इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए जागरूकता फैलाने के प्रयास कर रहे हैं, ताकि लोग इस प्रकार के अंधविश्वास से दूर रहें और कानूनी मदद लें। इस प्रकार की घटनाएँ स्थानीय समाज के लिए चेतावनी हैं कि वे अंधविश्वास के बजाय विज्ञान और समझदारी से काम लें।

प्रशासन की अपील: अंधविश्वास से बचें और अपराधों की जानकारी दें

गुमला जिला प्रशासन ने इस दुखद घटना पर चिंता व्यक्त की है और समाज के लोगों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के अंधविश्वास को बढ़ावा न दें। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है, ताकि वे इस प्रकार के अपराधों की पुलिस में रिपोर्ट करें और कानून का सहारा लें।

पुलिस प्रशासन ने ग्रामीणों को यह भी आश्वासन दिया है कि वे अंधविश्वास से प्रेरित अपराधों पर सख्त कार्रवाई करेंगे और किसी निर्दोष को प्रताड़ित नहीं होने देंगे। समाज के सभी वर्गों को मिलकर अंधविश्वास के इस अंधकार से लड़ने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।

अंधविश्वास के खिलाफ लड़ाई में समाज की भूमिका

डायन-बिसाही के नाम पर होने वाली हत्याएँ आज भी समाज के लिए एक चुनौती हैं। गुमला की इस घटना ने एक बार फिर से यह स्पष्ट कर दिया है कि समाज को अंधविश्वास के खिलाफ जागरूक होना आवश्यक है। प्रशासन और पुलिस के प्रयासों के साथ-साथ, समाज के लोगों की यह जिम्मेदारी है कि वे इस प्रकार की सोच को जड़ से मिटाने का प्रयास करें।

आज हर व्यक्ति का यह कर्तव्य बनता है कि वह अंधविश्वास के खिलाफ आवाज उठाए और अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करे। तभी हम इस समाज को सुरक्षित और संजीदा बना सकते हैं।

न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया 
एडिटेड – संजना कुमारी 
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