गुमला जिले में दो अलग-अलग दर्दनाक घटनाओं ने लोगों को झकझोर कर रख दिया। एक ओर डुमरी थाना क्षेत्र में सड़क दुर्घटना में घायल बाइक सवार की मौत हो गई, वहीं दूसरी ओर सदर थाना क्षेत्र में एक 15 वर्षीय छात्रा ने आत्महत्या कर ली। इन घटनाओं ने न केवल परिवारों को गहरे शोक में डाला है, बल्कि प्रशासन और समाज के सामने कई सवाल खड़े किए हैं।
सड़क दुर्घटना में बाइक सवार की मौत
दुर्घटना का विवरण
डुमरी थाना क्षेत्र के मझगांव पंचायत के टांगीनाथ गड़टोली निवासी 27 वर्षीय रिंकू भगत की बाइक दुर्घटना में गंभीर चोटों के कारण मौत हो गई।
- रिंकू भगत शनिवार को अपनी स्प्लेंडर बाइक (DL 45 BM 2710) से मझगांव में धान काटने के लिए जा रहे थे।
- रास्ते में कब्रिस्तान के पास अचानक से एक कुत्ते के सामने आने के कारण उनका बाइक से नियंत्रण छूट गया।
- दुर्घटना में उन्हें गंभीर चोटें आईं।
इलाज के दौरान मौत
- परिजनों ने रिंकू को डुमरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया।
- प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर होने पर उन्हें गुमला सदर अस्पताल रेफर किया गया।
- रविवार रात इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
पोस्टमार्टम और जांच प्रक्रिया
- गुमला पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा।
- पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।
- पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है।
आत्महत्या की घटना: आठवीं कक्षा की छात्रा ने की खुदकुशी
घटना का विवरण
गुमला सदर थाना क्षेत्र के करम डिपा गांव में 15 वर्षीय स्वीटी उरांव ने शनिवार रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
- मृतिका कल्याण उरांव की बेटी थी और आठवीं कक्षा की छात्रा थी।
- परिजनों ने बताया कि स्वीटी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी, जो संभवतः आत्महत्या का कारण बनी।
पोस्टमार्टम और प्रशासन की कार्रवाई
- घटना की सूचना मिलते ही सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची।
- शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए गुमला सदर अस्पताल भेजा गया।
- रविवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।
सड़क सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य: दो महत्वपूर्ण मुद्दे
सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी
गुमला जिले में सड़क दुर्घटनाओं की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं।
- मुख्य कारण: सड़क की खराब स्थिति, वाहनों की तेज गति, और असावधानी।
- उपाय:
- वाहन चालकों को यातायात नियमों का पालन करना चाहिए।
- प्रशासन को सड़क की स्थिति सुधारने और सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने की दिशा में काम करना चाहिए।
मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता की कमी
स्वीटी उरांव की आत्महत्या ने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं पर ध्यान खींचा है।
- समस्या: मानसिक बीमारियों को अक्सर गंभीरता से नहीं लिया जाता।
- उपाय:
- स्कूलों और समुदायों में मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए।
- परिवारों को ऐसी स्थितियों में समय पर सहायता लेनी चाहिए।
प्रशासन की जिम्मेदारी और कदम
1. जांच प्रक्रिया तेज करना:
- पुलिस को दोनों घटनाओं की जांच तेजी से पूरी करनी चाहिए ताकि परिवारों को न्याय मिल सके।
- दुर्घटना के कारणों की गहराई से जांच की जाए।
2. सड़क सुरक्षा सुधार:
- दुर्घटना वाले स्थानों पर सावधानी चिह्न और सड़क सुरक्षा उपाय लागू किए जाने चाहिए।
- वाहन चालकों को प्रशिक्षित करने के लिए विशेष अभियान चलाए जाएं।
3. मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं:
- गुमला में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता बढ़ाई जाए।
- परामर्श सेवाओं और हेल्पलाइनों को सक्रिय किया जाए।
जन जागरूकता और प्रशासन की भूमिका
सड़क दुर्घटना में रिंकू भगत की मौत और स्वीटी उरांव की आत्महत्या ने समाज को गहराई से झकझोर दिया है। इन घटनाओं से सीख लेकर प्रशासन और समाज को सड़क सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
क्या आप मानते हैं कि समाज और प्रशासन को इन समस्याओं को सुलझाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए? अपनी राय साझा करें।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया