घाघरा प्रखंड में महिला हिंसा के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए एक विशेष रैली का आयोजन किया गया। यह रैली महिला विकास मंडल, बाल विकास विभाग, और प्रदान के संयुक्त तत्वावधान में निकाली गई। सीओ आशीष कुमार ने हरी झंडी दिखाकर रैली की शुरुआत की।
यह रैली प्रखंड कार्यालय परिसर से शुरू होकर मुख्य चौक-चौराहों से होते हुए पुनः प्रखंड कार्यालय पहुंची। कार्यक्रम का समापन छात्राओं द्वारा बनाई गई रंगोली के समक्ष शपथ ग्रहण समारोह के साथ हुआ।
रैली का उद्देश्य और संदेश
इस जागरूकता रैली का मुख्य उद्देश्य महिला हिंसा के खिलाफ लोगों को जागरूक करना और लैंगिक समानता का संदेश देना था। रैली में शामिल प्रतिभागियों ने विभिन्न नारों के माध्यम से समाज को संदेश दिया:
- “मानसिक और शारीरिक हिंसा बंद करो।”
- “महिला और पुरुष, एक समान।”
- “सबको प्राप्त हो एक अधिकार।”
इन नारों ने जनमानस को महिलाओं के अधिकारों और उनके प्रति सम्मान को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया।
सीओ का संबोधन: “महिलाएं अबला नहीं, सबला हैं”
रैली को संबोधित करते हुए सीओ आशीष कुमार ने कहा,
“आज की महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं हैं। वे कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं। महिलाएं अबला नहीं, सबला हैं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हर महिला को समान अधिकार और सम्मान मिले।”
उनका यह संदेश न केवल उपस्थित लोगों के लिए प्रेरणादायक था, बल्कि नारी सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी था।
कार्यक्रम में शामिल महत्वपूर्ण हस्तियां
इस आयोजन में विभिन्न सरकारी और सामाजिक संगठनों के अधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहे:
- आईसीडीएस विभाग से एलएस श्वेता कुमारी
- बीपीएम अभिनंदन घोष
- अमरिंदर कुमार
- कई आंगनबाड़ी सेविकाएं
सभी ने कार्यक्रम की सफलता के लिए सक्रिय भूमिका निभाई।
रंगोली और शपथ ग्रहण: जागरूकता का अनूठा तरीका
रैली के समापन पर प्रखंड कार्यालय में छात्राओं द्वारा बनाई गई रंगोली ने सबका ध्यान खींचा। रंगोली के माध्यम से महिला हिंसा के खिलाफ रचनात्मक संदेश दिए गए। इसके बाद सभी प्रतिभागियों को महिला अधिकारों और समानता की शपथ दिलाई गई।
नारी सशक्तिकरण के लिए सामूहिक प्रयास
इस प्रकार के कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण और हिंसा मुक्त समाज बनाने के लिए आवश्यक हैं। घाघरा में आयोजित यह रैली न केवल महिला हिंसा के खिलाफ जागरूकता फैलाने में सफल रही, बल्कि महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का भी एक मजबूत माध्यम बनी।
नारी शक्ति को पहचानें
महिलाएं समाज का अभिन्न हिस्सा हैं। उनके अधिकारों और सम्मान की रक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य है। इस रैली ने समाज को यह संदेश दिया कि लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण ही एक बेहतर भविष्य की कुंजी हैं।
कॉल टू एक्शन:
आप भी महिला हिंसा के खिलाफ आवाज उठाएं और जागरूकता फैलाने में अपना योगदान दें। आइए, मिलकर एक समान और सुरक्षित समाज का निर्माण करें।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया