गुमला (झारखंड): झारखंड के गुमला जिले के बिशुनपुर थाना क्षेत्र स्थित देवरागखनी जंगल में पुलिस और प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन झांगुर गुट के बीच मुठभेड़ का सिलसिला दो दिनों से जारी है। रविवार शाम को आईआरटी पुलिस फोर्स द्वारा छापेमारी के दौरान झांगुर गुट के सदस्यों ने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की।
क्या हुआ, कब और कहाँ?
रविवार शाम को गुमला जिले के देवरागखनी जंगल में, पुलिस ने एक गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी अभियान शुरू किया। इस दौरान झांगुर गुट के उग्रवादियों ने पुलिस दल पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं। पुलिस ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए अतिरिक्त बल की मांग की। सोमवार सुबह तक, पुलिस कप्तान शंभू कुमार सिंह और आरआरबी कमांडेंट के नेतृत्व में सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया।
क्या बरामद हुआ?
मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में गोला-बारूद और हथियार बरामद किए गए हैं। झांगुर गुट के उग्रवादियों ने जंगल में इन्हें छुपा रखा था। पुलिस का कहना है कि इस मुठभेड़ में एक उग्रवादी के घायल होने की संभावना है, लेकिन इस बात की पुष्टि अभी नहीं की गई है।
कौन हैं शामिल?
सूत्रों के अनुसार, झांगुर गुट के सुप्रीमो रामदेव जी भी अपने संगठन के सदस्यों के साथ इस मुठभेड़ में मौजूद हैं। यह संगठन लंबे समय से इलाके में सक्रिय है और विशेष रूप से सरकारी विकास कार्यों में बाधा डाल रहा है।
पुलिस का बयान और अगला कदम
गुमला के पुलिस कप्तान शंभू कुमार सिंह ने मुठभेड़ के दौरान उग्रवादियों से आत्मसमर्पण करने की अपील की है। उन्होंने कहा, “सरकार ने उग्रवादियों के लिए आत्मसमर्पण और पुनर्वास की नीति तैयार की है। उन्हें इसका लाभ उठाकर मुख्यधारा में लौट आना चाहिए और अपने परिवार के साथ शांतिपूर्ण जीवन जीना चाहिए।”
पृष्ठभूमि और चुनौतियाँ
झांगुर गुट लंबे समय से गुमला और आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय है, जिससे स्थानीय प्रशासन और विकास कार्यों के लिए चुनौती बनी हुई है। जंगल के दुर्गम इलाकों में इनकी गतिविधियाँ सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी बाधा हैं।
स्थिति का वर्तमान परिदृश्य
सोमवार तक पुलिस ने उग्रवादियों को चारों ओर से घेर लिया है और मुठभेड़ जारी है। सुरक्षा बलों का कहना है कि अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक इलाके को उग्रवादियों से मुक्त नहीं कर दिया जाता।
इस घटना से गुमला जिले में सुरक्षा स्थिति पर सवाल उठे हैं और प्रशासन के लिए उग्रवाद के खिलाफ कार्रवाई तेज करने की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया