✦ झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद एवं एमजंक्शन के सहयोग से आयोजित की गयी थी प्रशिक्षण कार्यशाला
✦ दृष्टिबाधित बच्चो को स्मार्ट फोन के जरिये ऑनलाइन पुस्तकालय, समाचार, अन्य जानकारी, और अनुपस्थिति ज्ञान एवं गतिशीलता की दी गयी जानकारी
✦ कार्यशाला में कक्षा 8वीं से 12वीं तक के दृष्टिबाधित बच्चों और रिसोर्स शिक्षकों ने लिया भाग
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दृष्टिबाधित बच्चो के लिए झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद एवं एमजंक्शन के सहयोग से कार्यान्वित प्रोजेक्ट ज्योति के अंतर्गत दृष्टिबाधित बच्चो के लिए आयोजित तीसरे चरण का आवासीय प्रशिक्षण आज संपन्न हो गया। इस प्रशिक्षण के दौरान दृष्टिबाधित बच्चो को तकनीक आधारित शिक्षा, समावेशी शिक्षा में ICT के प्रभावी उपयोग के बारे में जानकारी दी गयी। इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में रांची, खूंटी और गुमला के विशेष शिक्षक और दृष्टिबाधित बच्चों ने भाग लिया। प्रोजेक्ट ज्योति के तहत दृष्टिबाधित बच्चों को पढ़ने में आसानी के लिए स्मार्टफोन दिए गए। इस स्मार्टफोन की मदद से, दृष्टिबाधित बच्चे ऑनलाइन पुस्तकालय, समाचार, अन्य जानकारी, और अनुपस्थिति ज्ञान एवं गतिशीलता के बारे में बताया गया। कार्यशाला का उद्देश्य कक्षा 8वीं से 12वीं तक के दृष्टिबाधित बच्चों को आसानी से पढ़ने योग्य और सुलभ अध्ययन सामग्री प्रदान करने के साथ सभी छात्रों को समान सीखने का अवसर प्रदान करना था। दृष्टिबाधित बच्चो को सशक्त बनाना और एक समावेशी शैक्षिक वातावरण को बढ़ावा देना जो उनकी शैक्षणिक वृद्धि, आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास विकसित करे।
कार्यशाला के दौरान दृष्टिबाधित बच्चों को अपने स्मार्टफोन का उपयोग करके अध्ययन करने के लिए रीडिंग ऐप की जानकारी दी गयी। इसके साथ ही सुगम्य पुस्तकालय, बुक शेयर, बी माय आइज़, इनविज़न एआई, ईज़ी रीडर, ऑटो टीटीएस, टॉकबैक, स्मार्ट ऑन, सीइंग ऑन, मानी ऐप, और डॉल्फिन ईज़ी रीडर जैसे ऐप्स को विस्तार से समझाया गया।
खुश दिखे अभिभावक : दृष्टिबाधित सभी बच्चे और उनके माता-पिता इस प्रशिक्षण में आकर काफी बहुत खुश दिखे। प्रशिक्षण के दौरान दृष्टिबाधित बच्चो के माता-पिता ने बताया कि उनके बच्चो ने इस प्रशिक्षण से बहुत कुछ सीखा और भविष्य में पढ़ाई करके जरूर कामयाबी हासिल करेंगे। कई बच्चे पहली बार स्मार्टफोन का उपयोग करना सीख रहे थे, उनके दिलो में कुछ करने की ललक और चेहरों पर मुस्कान दिखाई दे रही थी।
न्यूज़ डेस्क