गोड्डा : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर गोड्डा नगर भवन में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (KGBV) में एक भव्य सम्मान समारोह का आयोजन हुआ. इस कार्यक्रम में झारखंड सरकार के उद्योग, श्रम एवं प्रशिक्षण मंत्री संजय प्रसाद यादव मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ गोड्डा नगर परिषद की पूर्व चेयरमैन कल्पना देवी, उप विकास आयुक्त (डीडीसी) स्मिता टोप्पो और अदाणी फाउंडेशन के रीजनल हेड जयंत मोहंती भी मंच पर मौजूद रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, जिसके बाद जयंत मोहंती ने अपने स्वागत भाषण में केजीबीवी में अदाणी फाउंडेशन द्वारा किए गए विभिन्न जीर्णोद्धार कार्यों और शिक्षा के क्षेत्र में हुए सकारात्मक बदलावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि फाउंडेशन ने विद्यालयों की आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने के साथ-साथ शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए भी कई महत्वपूर्ण पहल की हैं।
केजीबीवी की छात्राओं के लिए मंत्री से मिला सहयोग का आश्वासन
मुख्य अतिथि मंत्री संजय प्रसाद यादव ने अदाणी फाउंडेशन के सीएसआर कार्यक्रमों की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में संस्था का योगदान सराहनीय है। उन्होंने केजीबीवी की छात्राओं के लिए हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया और कहा कि बेटियों की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार और समाज को मिलकर कार्य करना होगा।
महिलाओं के लिए हर दिन संघर्ष का दिन होता है : डीडीसी
डीडीसी स्मिता टोप्पो ने अपने संबोधन में कहा, “महिलाओं के लिए हर दिन संघर्ष का दिन होता है। शिक्षा ही वह हथियार है, जिसके सहारे वे हर चुनौती को पार कर सकती हैं।” वहीं, कल्पना देवी ने भी बेटियों की शिक्षा को सर्वोपरि बताते हुए कहा कि यह समाज की सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।
इस अवसर पर गोड्डा जिले के सभी नौ कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की टॉपर्स को ₹10,000 के चेक देकर सम्मानित किया गया। साथ ही घोषणा की गई कि सभी नौ विद्यालय के टॉप पांच लड़कियों को 10 हजार की राशि पुरस्कार स्वरूप दिया जाएगा.
ये लोग थे उपस्थित
इस कार्यक्रम में जिला परिषद सदस्य राघवेन्द्र सिंह, समाजसेवी तिलक झा, कौशल यादव, अदाणी पावर के पदाधिकारी सुब्रत देवनाथ, अभिमन्यु आनंद, अदाणी फाउंडेशन के पदाधिकारी संतोष कुमार सिंह, अर्चना सिन्हा, सुमित सागर, अभय वर्मा, व सहयोगी प्रीति यादव सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
महिला सशक्तीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के इस अवसर पर, यह कार्यक्रम न केवल एक उत्सव था बल्कि महिला शिक्षा और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी था। शिक्षा ही वह आधारशिला है, जिससे महिलाएँ आत्मनिर्भर बन सकती हैं और समाज में अपनी पहचान बना सकती हैं।