घाघरा प्रखंड के आदर पंचायत अंतर्गत पीवीटीजी (PVTG) समुदाय बहुल बोरोपानी गांव में पहली बार बिजली पहुंचने से ग्रामीणों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई है। जिला प्रशासन की पहल और उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी के मार्गदर्शन में यहां दो 10-10 केवी के सोलर पैनल प्लांट लगाए गए हैं, जिनकी मदद से अब गांव के करीब 40 घरों को सतत रूप से बिजली मिल सकेगी।
अब तक अंधेरे में था गांव, सोलर से बदली तस्वीर
सुदूर और दुर्गम क्षेत्र में बसे बोरोपानी गांव तक वर्षों से बिजली की पहुंच नहीं हो पाई थी। परंतु अब सोलर ऊर्जा के माध्यम से गांव में रोशनी फैलाई जा रही है। यह कार्य झारखंड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (JREDA) के सहयोग से Vrita कंपनी द्वारा संपन्न किया गया।
खुशहाल भविष्य की उम्मीद
बिजली की सुविधा मिलते ही ग्रामीणों में खुशी की लहर है। गांव के निवासी बताते हैं कि अब बच्चों की पढ़ाई, घरेलू कामकाज और कृषि कार्यों में काफी सहूलियत होगी। विशेषकर सिंचाई और रात में रोशनी की उपलब्धता से ग्रामीणों की उत्पादकता बढ़ेगी और वे धीरे-धीरे आत्मनिर्भर बन सकेंगे।
बिजली से आत्मनिर्भरता की ओर
एक स्थानीय किसान ने बताया, “बिजली के बिना बहुत से जरूरी काम अधूरे रह जाते थे। अब हम खेती-बाड़ी में पंप का इस्तेमाल कर सकेंगे और बच्चों को बेहतर शिक्षा देने में मदद मिलेगी।” वहीं महिलाएं भी अब शाम के समय घरेलू काम आसानी से कर पा रही हैं और छोटे पैमाने पर स्वरोजगार की भी संभावना देख रही हैं।
हर गांव तक ऊर्जा पहुंचाने का लक्ष्य
गुमला प्रशासन द्वारा यह कदम न केवल ऊर्जा की आपूर्ति को सुचारु बनाने की दिशा में है, बल्कि यह गांवों में सतत विकास और जीवन स्तर सुधारने की प्रतिबद्धता का प्रमाण भी है। इस तरह के प्रयास झारखंड के उन क्षेत्रों के लिए उदाहरण बन सकते हैं, जहां आज भी अंधेरा पसरा है।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया