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Tuesday, April 29, 2025
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वित्त वर्ष 25 में आईडीएफसी फर्स्ट बैंक का कर पश्चात् लाभ 1,525 करोड़ रुपए रहा; मुख्य परिचालन लाभ में 17% की सालाना बढ़त

मुंबई, 28 अप्रैल, 2025:
वित्तीय परिणाम
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने आज 31 मार्च, 2025 को समाप्त तिमाही और वर्ष के लिए ऑडिट किए हुए वित्तीय परिणाम जारी किए।
A. जमा और उधारी
ग्राहक जमा 31 मार्च, 2024 को 1,93,753 करोड़ रुपए से 25.2% सालाना वृद्धि के साथ 31 मार्च, 2025 तक 2,42,543 करोड़ रुपए हो गया।
रिटेल जमा 31 मार्च, 2024 को 1,51,343 करोड़ रुपए से 26.4% सालाना बढ़कर 31 मार्च, 2025 को 1,91,268 करोड़ रुपए हो गया।
कासा जमा 31 मार्च, 2024 को 94,768 करोड़ रुपए से 24.8% सालाना वृद्धि के साथ 31 मार्च, 2025 को 1,18,237 करोड़ रुपए हो गया।
कासा अनुपात 31 मार्च, 2024 को 47.2% था, जो 31 मार्च, 2025 तक घटकर 46.9% रह गया।
रिटेल जमा का हिस्सा कुल ग्राहक जमा में 31 मार्च, 2025 तक 79% रहा।
B. अन्य व्यवसाय
बैंक द्वारा जारी किए गए क्रेडिट कार्ड की संख्या पिछले तिमाही में 35 लाख के आँकड़े को पार कर गई।
वेल्थ मैनेजमेंट एयूएम (जिसमें जमा राशि भी शामिल है) 27% सालाना बढ़कर 42,665 करोड़ रुपए तक पहुँच गया।
फास्टैग: बैंक सबसे बड़ा फास्टैग जारी करने वाला बैंक बना हुआ है, जिसके पास 1.78 करोड़ सक्रिय फास्टैग हैं।
C. ऋण और अग्रिम
ऋण और अग्रिम* में 20.4% सालाना वृद्धि हुई, जो 31 मार्च, 2024 को 2,00,965 करोड़ रुपए से बढ़कर 31 मार्च, 2025 को 2,41,926 करोड़ रुपए हो गई।
रिटेल, ग्रामीण और एमएसएमई से जुड़े ऋणों में 18.6% की वृद्धि के साथ यह 1,66,604 करोड़ रुपए से बढ़कर 1,97,568 करोड़ रुपए हो गया।
माइक्रोफाइनेंस पोर्टफोलियो में 28.3% की कमी आई और इसका कुल ऋण पुस्तक में हिस्सा 31 मार्च, 2024 को 6.6% से घटकर 31 मार्च, 2025 को 4.0% रह गया।
बैंक का पुराना इन्फ्रास्ट्रक्चर ऋण 17% घटकर 2,348 करोड़ रुपए रह गया, जो बैंक की कुल वित्तपोषित संपत्तियों का 1% से भी कम है।

  • ऋण और अग्रिम में क्रेडिट विकल्प शामिल हैं

D. संपत्ति की गुणवत्ता
माइक्रोफाइनेंस व्यवसाय में उद्योगभर में बढ़ती हुई देनदारी को देखते हुए, बैंक इस व्यवसाय पर करीब से नजर रखे हुए है। बैंक का संपत्ति गुणवत्ता सूचकांक, जिसमें ग्रॉस एनपीए, नेट एनपीए, एसएमए और प्रावधान शामिल हैं, माइक्रोफाइनेंस को छोड़कर स्थिर बना हुआ है।

एनपीए विवरण:

बैंक का ग्रॉस एनपीए 31 दिसंबर, 2024 को 1.94% से 7 बेसिस पॉइंट तिमाही आधार पर सुधार के साथ 31 मार्च, 2025 को 1.87% हो गया।
बैंक का नेट एनपीए 31 दिसंबर, 2024 को 0.52% से 1 बेसिस पॉइंट तिमाही आधार पर बढ़कर 31 मार्च, 2025 को 0.53% हो गया।
माइक्रोफाइनेंस पोर्टफोलियो को छोड़कर रिटेल, ग्रामीण और एमएसएमई ऋणों का ग्रॉस एनपीए 31 दिसंबर, 2024 को 1.46% से घटकर 31 मार्च, 2025 को 1.40% हो गया, जबकि नेट एनपीए 31 मार्च, 2025 को 0.56% था, जो 31 दिसंबर, 2024 को भी समान था।
बैंक का प्रावधान कवरेज अनुपात (पीसीआर) 31 मार्च, 2025 को 72.3% के उत्कृष्ट स्तर पर रहा।

स्लिपेज:

वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही के लिए ग्रॉस स्लिपेज 2,175 करोड़ रुपए रहे, जो वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में 2,192 करोड़ रुपए थे, इस प्रकार इसमें 17 करोड़ रुपए की कमी आई।
माइक्रोफाइनेंस व्यवसाय के लिए वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में ग्रॉस स्लिपेज 572 करोड़ रुपए रहे, जो वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में 437 करोड़ रुपए थे।
माइक्रोफाइनेंस व्यवसाय को छोड़कर, बाकी के ऋण पोर्टफोलियो के लिए ग्रॉस स्लिपेज में तिमाही आधार पर 152 करोड़ रुपए का सुधार आया, जो वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में 1,755 करोड़ रुपए थे, और वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में 1,603 करोड़ रुपए हो गए।

एसएमए स्थिति:

रिटेल, ग्रामीण और एमएसएमई वित्त पोर्टफोलियो (माइक्रोफाइनेंस पुस्तक को छोड़कर) में एसएमए-1+2 तिमाही आधार पर 5 बेसिस पॉइंट बढ़कर 31 दिसंबर, 2024 को 0.82% से 31 मार्च, 2025 को 0.87% हो गया।
माइक्रोफाइनेंस पोर्टफोलियो में एसएमए-1+2 बढ़कर 31 मार्च, 2025 को 5.10% हो गया, जो 31 दिसंबर, 2024 को 4.56% था, यह ऋण पुस्तक में गिरावट के कारण हुआ।
कुल मूल्य के आधार पर, माइक्रोफाइनेंस पोर्टफोलियो में एसएमए-1+2 पूल तिमाही आधार पर 2.7% घटा, और एसएमए-0 पूल तिमाही आधार पर 44.9% घटा।

प्रावधान:

वित्त वर्ष 25 के लिए प्रावधान 5,515 करोड़ रुपए (ऋण पुस्तक का 2.46%) रहे, जो माइक्रोफाइनेंस पुस्तक में उच्च स्लिपेज के कारण थे।
माइक्रोफाइनेंस और एक टोल खाते को छोड़कर, बैंक की कुल ऋण पुस्तक के लिए क्रेडिट लागत वित्त वर्ष 25 में 1.76% रही। क्रमिक रूप से, यह वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में 1.82% से वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में 9 बीपीएस तक सुधरकर 1.73% हो गई।
बैंक ने विवेकपूर्ण दृष्टिकोण अपनाते हुए तिमाही के दौरान 315 करोड़ रुपए के किसी भी माइक्रो-फाइनेंस प्रावधान बफर का उपयोग नहीं किया।
माइक्रोफाइनेंस में अतिरिक्त वितरण सीजीएफएमयू द्वारा बीमित हैं। 31 मार्च, 2025 तक पूरे माइक्रोफाइनेंस पोर्टफोलियो का बीमा कवरेज 66% था।

E. लाभप्रदता
शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) वित्त वर्ष 24 की चौथी तिमाही में 4,469 करोड़ रुपए से 9.8% सालाना वृद्धि के साथ वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में 4,907 करोड़ रुपए हो गई। वित्त वर्ष 25 के लिए, एनआईआई की सालाना वृद्धि 17.3% रही।
बैंक के एयूएम पर शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) में 9 बीपीएस की कमी आई, जो वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में 6.04% से घटकर वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में 5.95% हो गया, जिसका मुख्य कारण माइक्रो-फाइनेंस व्यवसाय में गिरावट है। वित्त वर्ष 25 के लिए, एनआईएम 6.09% रहा।
शुल्क और अन्य आय वित्त वर्ष 24 की चौथी तिमाही में 1,610 करोड़ रुपए से 5.7% सालाना वृद्धि के साथ वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में 1,702 करोड़ रुपए हो गई। वित्त वर्ष 25 के लिए, शुल्क और अन्य आय में सालाना वृद्धि 15.2% रही।
मुख्य परिचालन आय वित्त वर्ष 24 की चौथी तिमाही में 6,079 करोड़ रुपए से 8.7% वृद्धि के साथ वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में 6,609 करोड़ रुपए हो गई। वित्त वर्ष 25 के लिए, परिचालन आय में सालाना वृद्धि 16.7% रही।
परिचालन खर्च वित्त वर्ष 24 की चौथी तिमाही में 4,447 करोड़ रुपए से 12.2% सालाना वृद्धि के साथ वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में 4,991 करोड़ रुपए हो गया। वित्त वर्ष 25 के लिए, परिचालन खर्च में सालाना वृद्धि 16.5% रही।
मुख्य परिचालन लाभ (ट्रेडिंग लाभ को छोड़कर) वित्त वर्ष 24 की चौथी तिमाही में 1,632 करोड़ रुपए से घटकर वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में 1,618 करोड़ रुपए हो गया। वित्त वर्ष 25 में यह 6,030 करोड़ रुपए से बढ़कर 7,069 करोड़ रुपए हो गया, जो 17.2% की वृद्धि दर्शाता है।
माइक्रोफाइनेंस व्यवसाय को छोड़कर, मुख्य परिचालन लाभ वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में 19.9% सालाना वृद्धि और पूरे वित्त वर्ष 25 में 30.6% सालाना वृद्धि दर्शाता है।
ट्रेडिंग लाभ सहित परिचालन लाभ वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में 8.9% सालाना वृद्धि और वित्त वर्ष 25 में 18.9% वृद्धि दर्शाता है।
शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में 304 करोड़ रुपए रहा, जबकि वित्त वर्ष 24 की चौथी तिमाही में यह 724 करोड़ रुपए था। वित्त वर्ष 25 के लिए, शुद्ध लाभ में 48.4% की गिरावट के साथ यह 1,525 करोड़ रुपए रहा, जो मुख्य रूप से माइक्रोफाइनेंस उद्योग में आ रही समस्याओं से प्रभावित हुआ।

F. पूँजी स्थिति
बोर्ड ने कम्पल्सरी कन्वर्टिबल प्रेफरेंस शेयर्स (सीसीपीएस) के माध्यम से 7,500 करोड़ रुपए की नई इक्विटी पूँजी जुटाने को मंजूरी दी है, जिसे वॉरबर्ग पिंकस एलएलसी के सहायक कंपनी करंट सी इन्वेस्टमेंट्स बी.वी. और अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (एडीआईए) के प्राइवेट इक्विटी डिवीजन की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी प्लेटिनम इन्विक्टस बी 2025 आरएससी लिमिटेड को जारी किया जाएगा, जो शेयरधारकों और नियामक अनुमोदनों के अधीन है।
बोर्ड ने 0.25 रुपए प्रति शेयर का लाभांश घोषित करने को मंजूरी दी है, जो शेयरधारकों की मंजूरी के अधीन है।
रूपांतरण और प्रस्तावित लाभांश के बाद, 31 मार्च, 2025 के आँकड़ों की गणना करने पर सीआरएआर 18.20% और टियर-I 15.89% होगा।

प्रबंध निदेशक और सीईओ की टिप्पणियाँ

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ, श्री वी वैद्यनाथन ने कहा, “हमारे ग्राहक जमा में 25% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई है और वहीं कासा अनुपात 46.9% पर मजबूत स्थिति में है। उक्त आँकड़ें हमारी जमा फ्रेंचाइजी की ताकत को दर्शाता है। हमारी वित्तपोषित संपत्ति की पुस्तक में 20.4% की वृद्धि हुई है। महत्वपूर्ण बात यह है कि बैंक की संपत्ति गुणवत्ता मजबूत बनी हुई है, जहाँ जीएनपीए और एनएनपीए क्रमशः 1.87% और 0.53% हैं।
इसके अलावा, वॉरबर्ग पिंकस एलएलसी की एक सहायक कंपनी और अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (एडीआईए) के प्राइवेट इक्विटी डिवीजन की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी ने बैंक में 7,500 करोड़ रुपए का निवेश करने का वचन दिया है (जो आवश्यक नियामक और शेयरधारकों की मंजूरी के अधीन है)। यह न सिर्फ हमारे पूँजी पर्याप्तता अनुपात को और मजबूत करेगा, बल्कि हमारे अगले विकास चरण का समर्थन भी करेगा।
हम जिम्मेदारी से बढ़ने, उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद और सेवाएँ प्रदान करने, नवाचार के साथ नेतृत्व करने और ग्राहक-केंद्रित प्रस्ताव निर्मित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

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