पटना, मई 2025 — जब अधिकांश किशोर खेलकूद या सोशल मीडिया में व्यस्त रहते हैं, वहीं सान्वी राय, महज़ 14 साल की उम्र में, अपने विचारों को किताब की शक्ल देकर एक मिसाल बन चुकी हैं। बिरला ओपन माइंड्स इंटरनेशनल स्कूल, दानापुर की कक्षा 9 की छात्रा सान्वी ने अपनी पहली पुस्तक “Power: Beginner’s Guide to Recognition and Resistance” लिखी और स्वयं प्रकाशित की है। यही नहीं, इस किताब का आवरण डिज़ाइन भी उन्होंने खुद तैयार किया है।
सान्वी की यह पुस्तक शक्ति के सामाजिक और व्यक्तिगत प्रभावों को सरल भाषा में समझाती है — कि कैसे ‘पावर’ हमारे रोज़मर्रा के फैसलों को प्रभावित करता है, हम इसे कैसे पहचान सकते हैं और उसके खिलाफ प्रभावी रूप से कैसे खड़े हो सकते हैं। विषय की गंभीरता के बावजूद, उन्होंने इसे किशोरों के लिए सहज और समझने योग्य बना दिया है।
किताब के पीछे की मेहनत
सान्वी ने बताया, “यह किताब एक दिन में नहीं लिखी गई। मुझे इस विषय को गहराई से समझने और फिर उसे सरल भाषा में ढालने में कई साल लग गए। मेरे टीचर्स, दोस्तों और स्कूल के समर्थन के बिना यह संभव नहीं था। यह किताब मेरे अनुभवों और सीख को साझा करने का जरिया है।”
विद्यालय ने दी सराहना
उनकी इस उपलब्धि पर स्कूल के प्राचार्य पलजिंदर पाल सिंह ने कहा, “जब अधिकांश छात्र किताबों से ज्ञान अर्जित कर रहे होते हैं, सान्वी खुद एक किताब लिख रही हैं। यह हम सबके लिए गर्व का विषय है और प्रेरणादायक भी। ऐसे विद्यार्थी हमें शिक्षा के असली मायने याद दिलाते हैं।”
भविष्य की बड़ी योजनाएं
सान्वी केवल लेखिका बनने की ही आकांक्षा नहीं रखतीं, बल्कि उनका सपना है कि वे एक दिन उद्यमी और राजनीतिज्ञ बनें। उनका मानना है कि यह किताब सामाजिक चेतना और बदलाव लाने की दिशा में उनका पहला क़दम है।
एक प्रेरणास्रोत पीढ़ी के लिए
सान्वी राय की यह रचनात्मक पहल केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि आज के युवाओं के लिए एक उदाहरण है कि अगर सोच पक्की हो और मेहनत ईमानदार, तो उम्र कभी आड़े नहीं आती।
News – Muskan