जशपुर (छत्तीसगढ़-जंगल सीमा) — जंगली खुखड़ी मशरूम की सब्जी खाने के बाद एक ही परिवार के छह सदस्य गंभीर रूप से बीमार हो गए। यह घटना जशपुर जिले के शक्करडेगा गांव की है, जो झारखंड के गुमला ज़िले की सीमा से लगा हुआ क्षेत्र है। फूड प्वाइज़निंग के कारण सभी पीड़ितों को जशपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।
क्या है मामला?
घटना रविवार को उस समय सामने आई जब राजन प्रसाद सिंह के परिवार ने जंगल से लाकर खुखड़ी (जंगली मशरूम) की सब्ज़ी बनाई और भोजन में उसे शामिल किया। भोजन के कुछ घंटों बाद परिवार के राजन प्रसाद सिंह, गजानंद सिंह, कौशल्या सिंह, मीना सिंह, शनिदेव सिंह और सरस्वती बाई की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। पहले उन्हें मतली और चक्कर की शिकायत हुई, फिर एक-एक करके सभी सदस्य बेहोश हो गए।
गांव वालों की तत्परता से बची जान
गंभीर हालत में जब पीड़ित ज़मीन पर गिरने लगे, तो गांव वालों को शक हुआ कि खाने में कुछ गड़बड़ है। स्थानीय ग्रामीणों ने तुरंत एक निजी वाहन का प्रबंध कर सभी को जशपुर जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों की टीम ने इलाज शुरू किया।
डॉक्टरों ने बताई फूड प्वाइजनिंग की वजह
जशपुर अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों ने बताया कि यह जहरीला खुखड़ी मशरूम खाने के कारण हुआ फूड प्वाइजनिंग का मामला है। उन्होंने कहा, “कई बार जंगलों में मिलने वाले मशरूम जहरीले होते हैं, जिन्हें पहचानना आम लोगों के लिए बेहद मुश्किल होता है। बिना विशेषज्ञ सलाह के ऐसे मशरूम का सेवन जानलेवा हो सकता है।”
चेतावनी: जंगल के मशरूम से रहें सावधान
डॉक्टरों ने लोगों से अपील की है कि वे जंगली मशरूम खाने से पहले उसकी पहचान सुनिश्चित करें या विशेषज्ञ की सलाह लें। झारखंड और छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती गांवों में खुखड़ी मशरूम पारंपरिक भोजन का हिस्सा रहा है, लेकिन हर साल इसके सेवन से कई लोग बीमार हो जाते हैं, जिनमें कई मौतों की भी खबरें मिलती रही हैं।
स्थिति अब नियंत्रण में
फिलहाल, अस्पताल सूत्रों के अनुसार सभी मरीजों की हालत स्थिर है और डॉक्टरों की निगरानी में हैं। समय पर इलाज मिल जाने से एक बड़ी दुर्घटना टल गई है।
सावधानी ही बचाव है: प्राकृतिक रूप से मिलने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करते समय सतर्कता और जागरूकता अत्यंत आवश्यक है। एक छोटी सी लापरवाही, पूरे परिवार की जान जोखिम में डाल सकती है।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया