जुर्म की दुनिया में सीरियल किलिंग और रेप की बहुत सी संगीन और सनसनीखेज घटनाएं दर्ज हैं जिन्हें याद करके लोग आज भी सहम जाते हैं. ये सीरियल किलर ऐसे अपराधी होते हैं, जिन्हें खून करने का चस्का लग जाता है. यही वजह है कि वे बार-बार खौफनाक घटनाओं को अंजाम देकर कानून के लिए चुनौती बन जाते हैं और अपनी करतूतों से बाज नहीं आते. क्राइम कथा में आज बात ऐसे ही एक खौफनाक सीरियल किलर. जिस पर एक बाद एक करीब 200 महिलाओं को अपना शिकार बनान का इल्जाम है. जितना वो सीरियल किलर कुख्यात था, उससे ज्यादा चर्चाओं में आ गई थी उसकी मौत. 90 के दशक में अक्कू यादव पूरे कस्तूरबा नगर स्लम इलाके में आतंक का दूसरा नाम बन गया था. पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक पहली बार उसका नाम साल 1991 में सामने आया था. तब उसके खिलाफ गैंगरेप में शामिल होने के इल्जाम लगे थे. इसी मामले ने उसे कुख्यात बना दिया. इसके बाद उसने पलटकर पीछे नहीं देखा और जरायम की दुनिया में आगे बढ़ता ही चला गया.अक्कू यादव की मौत से पहले तक उसके खिलाफ दो दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हुए और वो 14 बार गिरफ्तार किया गया. उसके खिलाफ रेप, हत्या, डकैती, जबरन वसूली, घर पर हमला, हमले की धमकी जैसे संगीन मामले दर्ज किए गए थे. 1999 के आखिर में अक्कू यादव को महाराष्ट्र निवारक निरोध कानून के तहत एक साल के लिए हिरासत में लिया गया था. इसी तरह से उसे द महाराष्ट्र प्रिवेंशन ऑफ डेंजरस एक्टिविटीज ऑफ स्लमलॉर्ड्स, बूट-लेगर, ड्रग ऑफेंडर्स एंड डेंजरस पर्सन्स एक्ट 1981 के तहत भी नामजद किया गया था.