गिरिडीह: (कमलनयन) सालाना करोड़ों विदेशी मुद्रा अर्जित करनेवाले गिरिडीह- कोडरमा का पम्परागत अभ्रक उधोग को पुनर्जीवित कर अभ्रक खनन को वैधानिक दर्जा दिये जाने एवं ढिबरा चुननेवाले गरीबों पर वन विभाग व पुलिस द्वारा की जानेवाली कार्रवाई पर रोक लगाने समेत अन्य मांगों को लेकर मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के बैनर तले ढिबरा मजदूरों ने टोकरी में ढिबरा लेकर जिला समाहरणालय में धरना-प्रदर्शन किया।
फॉरेस्ट व पुलिस को केस करने का कोई अधिकार नहीं
जिले के अभ्रक बहुल गावां और तिसरी इलाके से टोकरियों में अभ्रक का ढिबरा लेकर कार्यक्रम में आये लोगो को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जब से झामुमो और कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार राज्य में बनी है, तब से मनमानी और गरीबों के साथ अत्याचार किया जाता है। उन्होंने कहा कि गैरमजरूआ और रैयती जमीन पर ढिबरा चुननेवालों के खिलाफ पैसे के लिए फॉरेस्ट वाले कार्रवाई करते हैं, जो बिल्कुल गलत है। कहा कि बिहार सरकार के समय से जो एक्ट लागू है, वही आज भी चल रही है। ऐसी परिस्थिति में फॉरेस्ट और पुलिस को केस करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को विधानसभा सत्र में भी उठाया जाएगा।
हेमंत सरकार से जनता त्रस्त : डा. रवींद्र राय
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. रवींद्र राय ने कहा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार में जनता त्रस्त है. अत्याचार चरम पर है. महिलाओं का शोषण किया जा रहा है। इस दौरान पूर्व सांसद रवीन्द्र पांडेय, विधायक केदार हाजरा, पूर्व विधायक निर्भय कुमार शाहबादी, जिला सांसद प्रतिनिधि दिनेश यादव प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुरेश साव आदि ने भी संबोधित किया। मौके पर प्रणव वर्मा, लक्ष्मण सिंह, पूर्व विधायक नागेंद्र महतो, चुन्नू कांत, अशोक उपाध्याय, प्रकाश सेठ, विनय सिंह, नुनूलाल मरांडी आदि सैकड़ों संख्या में जिले के लोग मौजूद थे।
भाजपाइयों ने नियोजन नीति लागू करने की मांग की
प्रदर्शन में मुख्य अतिथि के तौर पर राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी मुख्य रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा जिला अध्यक्ष महादेव दुबे ने की। धरना-प्रदर्शन के माध्यम से भाजपाइयों ने राज्य सरकार से नियोजन नीति लागू करने, बालू व कोयला तस्करी पर रोक लगाने, महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार पर रोक लगाने, तुष्टीकरण की नीति बंद करने और झारखंड की खनिज संपदा को लूटने से बचाने की मांग की।