गिरिडीह: (कमलनयन) देश की आजादी का अमृतमहोसत्व मना रहे भारतवासियों को जी-20 की अध्यक्षता करने का भी मौका मिला है. इन दोनों को विशेष अवसरों को केन्द्र में सतारूढ़ एनडीए की सरकार द्वारा ऐतिहासिक बनाने को लेकर देश भर में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं. इस कड़ी में भारत सरकार के कला-एंव संस्कृति मंत्रालय द्वारा लगभग 290 दिनों का भारतीय संगीत पर आधारित गायन-वादन की प्रस्तुति भारत संस्कृति यात्रा के कार्यक्रम तय किये गए हैं, जो चार देशों के कई प्रदेशों के 14 शहरों में आयोजित किये जायेंगे। हिन्दुस्तानी आर्ट एंव म्युजियम सोसायटी के बैनर तले 30 दिसम्बर 2023 तक चलने वाले क्रार्यकमों की श्रृंखला की सोमवार 13 मार्च को झारखंड के ऐतिहासिक शहर गिरिडीह से हुई। संस्कृति यात्रा की दूसरी प्रस्तुति भारतीय संगीत के जनक भगवान शिव की नगरी काशी विश्वनाथ धाम में 21 मार्च को प्रस्तावित है.
अब जरा…आज के मनमोहक कार्यक्रमों की
कुछ झलकियां….
सोमवार की देर शाम भारत संस्कृति यात्रा के इस भव्य शास्त्रीय संगीत समारोह की शुरुआत डिप्टी मेयर प्रकाश सेठ, प्रख्यात तबला वादक पंडित शंभू दयाल केडिया और हिदुस्तान आर्ट एंड म्यूजिक सोसाइटी के सचिव प्रसन्नजीत पोद्दार, टॉम राघवन समेत कई अतिथियों ने दीप जलाकर किया। इसके बाद सुरीली शाम का दौर शुरु हुआ। गणेश वंदना कर संस्कृति यात्रा के संगीत समारोह की विधिवत शुरुआत की गई। कोलकाता से आई कलाकार स्पीरिही माहेश्वरी और दीपक अरोड़ा की युगल जोड़ी ने ओम नमः शिवाय पर कत्थक नृत्य पेश किया। स्पीरिही माहेश्वरी और दीपक अरोड़ा की जुगलबंदी ओम नमः शिवाय के भजन इतना जबरदस्त था कि पूरा आयोजन स्थल श्रोताओं की तालियों से गूंज उठा। हर कोई वाह-वाह कर उठा। इस जोड़ी ने इसके बाद शास्त्रीय संगीत की धुन पर ही एक और उम्दा प्रस्तुति दी। इसके बाद सोहिनी घोष ने वोकल नृत्य पेश किया। जबकि बांसुरी वादन पंडित राजेन्द्र प्रसन्ना के साथ तबले के संगत पर साथ बैठे पंडित ललित कुमार और रविशंकर की जोड़ी भी अपनी प्रस्तुति से घंटो समा बांधे रखा। शास्त्रीय संगीत और नृत्य के श्रोताओं को मनमोहक कार्यक्रम ने अंत तक भीड़ को बांधे रखा.