रांची : नियोजन नीति के मामले पर पक्ष और विपक्ष दोनों की नूरा कुश्ती से झारखंड की जनता के साथ धोखेबाजी की जा रही है। ऐसा लगता है किसी के पास भी झारखंडी जनहित में नियोजन की कोई ठोस नीति नहीं है। यह झारखंड के राजनीतिक दिवालिएपन का परिचायक है। इस नुराकश्ती के खिलाफ आदिवासी सेंगेल अभियान और अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा 20 मार्च को बोकारो बिरसा आश्रम से आंदोलन का आगाज करेंगे।
विपक्ष ज्यादा दोषी
सेंगेल सालखन मुर्मू ने कहा है कि सेंगेल प्रखंडवार नियोजन नीति लागू करे, क्योंकि निकट भविष्य में स्थानीय नीति, आरक्षण नीति, नियोजन नीति और भाषा नीति आदि बनने-बनाने की गुंजाइश कम दिखाई पड़ती है। अंततः 22 वर्षों से लंबित नियोजन की कमी का दंश और दर्द लाखों शिक्षित बेरोजगार झेलने को मजबूर हैं। इसके लिए विपक्ष ज्यादा दोषी है.उन्होंने शिक्षित बेरोजगार नवयुवकों से आग्रह किया कि वे समाधानमूलक प्रखंडवार नियोजन नीति पर चर्चा करें और इसके क्रियान्वयन के लिए आंदोलन शुरू करें ताकि नीतियों के इंतजार में उन्हें और इंतजार ना करना पड़े, बल्कि दो-तीन महीनों में इसका लाभ ले सकते हैं। अन्यथा पक्ष-विपक्ष की नूराकुश्ती के शिकार बन कर रह जायेंगे।