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Friday, November 22, 2024
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शिल्पकारी के रूप में मिली भेंडरा की पहचान को नरेश विश्वकर्मा ने फलक पर पहुंचाया, जिसने शिल्पकारों के उज्जवल भविष्य की बड़ी लकीर खींच दी

गिरिडीह : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ वेबिनार से चर्चित हुए बोकारो जिले के नावाडीह प्रखंड की भेंडरा पंचायत के मुखिया नरेश विश्वकर्मा के आवास पर लोगों  का पहुंचना जारी है. उनके सम्मान में लोगों के शब्द कम पड़ जा रहे हैं. गिरिडीह के व्यवसायी और गिरिडीह विश्वकर्मा मंच के अध्यक्ष दशरथ विश्वकर्मा ने कहा कि लौह कारीगरी से भेंडरा की पहचान को नरेश विश्वकर्मा ने फलक पर पहुंचा दिया है. पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना के तहत पहली बार में ही नरेश विश्वकर्मा ने भेंडरा में लौह शिल्पकारों के उज्जवल भविष्य की लकीर खींच दी है. दशरथ विश्वकर्मा ने कहा कि बहुत जल्द गिरिडीह विश्वकर्मा मंच की ओर से नरेश विश्वकर्मा को सम्मानित किया जाएगा.

गिरिडीह विधायक को ठोस पहल करनी चाहिए

श्री विश्वकर्मा ने कहा कि ऐसा लगता है मानो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा छोटे कारोबारियों के कौशल विकास के लिए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना नरेश विश्वकर्मा जैसे लोगों के लिए ही बनाई गई हो. क्योंकि मोदी जी का कहना है कि इस योजना से छोटे कारीगरों के आगे का बड़ा कारोबार बढ़ेगा. उनके उत्पाद की पैकेजिंग, डिजाइनिंग और ब्रांडिंग पर काम किया जाएगा. साथ ही ग्राहकों की जरूरतों का भी ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि झारखंड में इस  योजना के लिए नरेश विश्वकर्मा परफेक्ट व्यक्ति साबित हो सकता है. इसपर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एमएसएमई के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए नरेश विश्वकर्मा को आमंत्रण करना चाहिए और उनकी प्लानिंग से अवगत होना चाहिए. उन्होंने गिरिडीह के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू से ठोस पहल करने का आग्रह किया है.  

सीएम से ब्रांड प्रचार की जिम्मेवारी नरेश को सौंपने का आग्रह

उन्होंने कहा कि दरअसल प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना का उद्देश्य ही कारीगरों के कौशल को निखारना है। गांवों और शहरों में बहुत से छोटे–बड़े कारीगर हैं, जो अपने औजार की मदद से जीवन यापन करते हैं। इस योजना के माध्यम से उन्हें आसानी से ऋण दिलाना और ब्रांड प्रचार में उनकी मदद करना है, ताकि उनके उत्पाद बाजार में जल्दी पहुंच सकें। उन्होंने कहा कि ब्रांड प्रचार के काम को नरेश विश्वकर्मा बखूबी निभा सकते हैं. आखिर पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना उन्हीं लोगों के लिए ही तो शुरू की है, जो लोग बेरोजगारी की मार झेलते हुए समाज के हाशिये पर अपना जीवन बिताने का काम कर रहे हैं. इस योजना का लाभ उठाने के लिए सभी पारम्परिक शिल्पकारों व कारीगरों को लाभ मिलेगा.

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