रांची : भाजपा विधायक दल के नेता और राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने राजधानी में जमीन लूट का मास्टरमाइंड छवि रंजन, सीएम हेमंत सोरेन और उनके प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू पर जमकर प्रहार किया. श्री मरांडी ने कहा कि एक चार्जशीटेड आईएएस अफसर को रांची की कमान इसीलिए सौंपी गई कि सभी सीओ से मंथली उगाही करे और फर्जीवाड़ा कर जमीन लूट का धंधा करता करे और सरकार अपनी आंखें बंद किये रहे, ताकि लूट का हिस्सा आपस में बंटता रहे. दरअसल, छविरंजन सरकार द्वारा पोषित डीसी था. छविरंजन को हर अंचल से ढाई लाख रुपये की फिक्स्ड रिश्वत लेता था।
‘सीएम अपनी सलाहकार मंडली की तिजोरी भरने में लगे हुए हैं’
श्री मरांडी ने कहा कि पूरे झारखंड में शराब घोटाला, अवैध पत्थर, बालू, कोयला खनन घोटाला, जमीन घोटाला, ट्रांसफ़र घोटाला, ठेका-पट्टा घोटाला कर कई स्तर पर हेमंत सरकार ने झारखंडवासियों को लूटा है। इतना आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा कि सीएम कितनी ढिठाई से नजर फेरे हुए हैं. आदिवासियों की भलाई का दंभ भरनेवाला सीएम अपनी सलाहकार मंडली की तिजोरी भरने का काम कर रहा है. बहुत जल्द ही इनके सिंडिकेट के मास्टरमाइंड से लेकर हर स्तर के एजेंट होटवार जेल की सलाखों के पीछे होंगे. उन्होंने कहा कि समय रहते उन्हें अपने प्रेेस सलाहकार से मुक्ति पा लेना चाहिए. वरना वो शख्स सरकार ही नहीं, पार्टी को भी ले डूबेगा. पार्टी के अधिकतर लोग पिंटू के कार्यकलापों से नाराज हैं.
‘अभिषेक पिंटू जैसे लोग सीएम की आंखों के तारे बने हुए हैं’
उन्होंने कहा कि 263 अंचलों से साढ़े 6 करोड़ से अधिक राशि तो हर महीने फिक्स्ड थी, फिर बड़े जमीनों में करोड़ों का खेल, अब कल्पना करिए कि एक अंचलाधिकारी कैसे गरीब किसानों और रैयतों से भी रिश्वत वसूल कर ऊपर तक पहुंचाता होगा? हर स्तर से वसूली करने के लिए नीचे से ऊपर तक तगड़ा नेटवर्क बनाया गया था। प्रेम प्रकाश, पूजा सिंघल, छवि रंजन, अमित अग्रवाल और अभिषेक प्रसाद पिंटू जैसे लोग सीएम की आंखों के तारे बने हुए हैं. कई लोग सरकार के लिए रिकवरी एजेंट के रूप में काम करते हैं। अब जब एक-एक करके इनके एजेंट ईडी की गिरफ्त में आ रहे हैं, तब भी हेमंत सोरेन की आंखें नहीं खुल रही है.
लूट-खसोट के लिए जनसंवाद के 181 को बंद कराया
उन्होंने कहा कि रघुवर सरकार में मुख्यमंत्री जनसंवाद केंद्र के टॉल फ्री नंबर181 को इसलिए बंद करा दिया, ताकि अफसरों को जवाबदेही से मुक्ति मिल जाए. उन्होंने कहा कि अगर जनसंवाद अभी काम कर रहा होता तो, जनमुद्दों से जुड़े सवालों का जवाब मिलता रहता और लोगों का काम होता रहता. इससे सरकार पर भी जवाबदेही बनी रहती. चूंकि हेमंत सोरेन की सलाहकार मंडली नहीं चाहती थी कि सरकार पर किसी तरह का अंकुश रहे. अफसरशाही की सलाह पर ही सीएम ने इसे एक झटके में बंद कर दिया और जवाब में कहा जन संवाद लूट का अड्डा था. वो बताएं कि सरकार का कौन सा विभाग आज लूट का अड्डा नहीं बना हुआ है. सीएमओ की सलाहकार मंडली खुद इस काम में जुटी हुई है, जिसका सरगना उनका अपना प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू शामिल है. बहुत जल्द उसपर भी ईडी की गाज गिरेगी.