गिरिडीह : गिरिडीह के उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा की अध्यक्षता में जिला स्तरीय जन्म-मृत्यु निबंधन से संबंधित प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला का मंगलवार को आयोजन किया गया। इस दौरान डीसी व अन्य वरीय अधिकारियों ने जिला सांख्यिकी विभाग द्वारा जारी स्टेटिकल हैंड बुक का विमोचन किया। प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला में सभी उपस्थित सदस्यों को जिला सांख्यिकी पदाधिकारी ने जन्म व मृत्यु निबंधन की महत्ता व उद्देश्यों की जानकारी दी।
जन-जागरूकता के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा
बताया गया कि 14 जुलाई से 14 अगस्त तक राज्य में जिला स्तर एवं प्रखण्ड स्तर पर कोविड-19 अवधि के दौरान अन्य छुटी हुई घटनाओं के शत-प्रतिशत निबंधन हेतु विशेष अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के दौरान जन-जागरूकता हेतु एवं आमजनों में जन्म-मृत्य की घटना के निबंधन के महत्व को समझाने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार का कार्यक्रम चलाया जाएगा। इस कार्य में जन्म-मृत्य निबंधन से जुड़े निबंधकों, आंगनबाड़ी सेविकाओं सहिया, सरकारी विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं अन्य सम्बन्धित पदाधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
अभियान में 100 फीसदी निबंधन का कार्य पूर्ण करने का निर्देश
बताया गया कि 05 वर्षों में छूटे हुए बच्चों का सर्वे आंगनवाड़ी सेविका द्वारा घर-घर जाकर किया जाएगा। इसी प्रकार एएनएम/सहिया द्वारा स्वास्थ्य केंद्रों में बीते 05 वर्षों जन्मे बच्चों व निबंधन से छूटे बच्चों की सूची तैयार की जाएगी। 05 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों की सूची विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा उपलब्ध करायी जाएगी। सूची में डुप्लीकेसी की जांच प्रखंडों व जिला स्तर पर की जाएगी। इस अभियान में 100 फीसदी निबंधन का कार्य पूर्ण किया जाना है। कार्यशाला में विभिन्न समयावधि में निबंधन हेतु आवेदन करने पर लगने वाले शुल्क और आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी दी गयी। साथ ही जिला, अनुमंडल व प्रखंड स्तर पर टास्क फोर्स के गठन, आयोजित होनेवाली बैठकों की जानकारी दी गयी और आवश्यक प्रारूप उपलब्ध कराए गए। बैठक में उप विकास आयुक्त, आईएएस प्रशिक्षु उत्कर्ष कुमार, निदेशक डीआरडीए, सिविल सर्जन, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, जिला योजना पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, सभी एमओआईसी, सभी सीडीपीओ समेत अन्य उपस्थित थे।