गिरिडीह : शहर में अवस्थित प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री कबीर ज्ञान मंदिर के पावन प्रांगण में मंगलवार को आयोजित मां ज्ञान महायज्ञ के द्वितीय दिवस का आरंभ सदगुरु कबीर रचित बीजक ग्रंथ के मंत्रोचार सहित यज्ञ हवन से हुआ, इसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस अवसर पर सद्गुरु मां सतगुरु मां ज्ञान ने उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि हम सब आज सत्संग की गंगा में डुबकी लगा रहे हैं, यह हम सबको हम सबों का परम सौभाग्य है। श्री कबीर ज्ञान मंदिर में अवस्थित गुरु गोविंद धाम में भगवान विष्णु और सदगुरु कबीर का विग्रह स्थापित है। सदगुरु कबीर सनातन के पुरोधा है, वही भगवान नारायण पुरातन के। गुरु गोविंद धाम मंदिर से हम यह संदेश पाते हैं कि हमारा समाज सनातन और पुरातन का संगम है।
मां ने कहा-हम सब एक ही पूर्वज के वंशज हैं
मां सतगुरु मां ज्ञान ने कहा कि हम सभी ऋषियों की संतान हैं। जाति की विविधता मनुष्य द्वारा बनाई गई है, और यह कर्म के आधार पर है। विभिन्न जातियों में भी गोत्र एक पाया जाता है, जिससे यह सिद्ध होता है कि हमारे पूर्वज एक है और हम सब एक ही पूर्वज के वंशज हैं। जातियों के बंधनों को तोड़कर एक सूत्र में बंधना चाहिए और सशक्त समाज की स्थापना करने में अपना योगदान देना चाहिए, जिससे हम सशक्त हो तथा हमारा राष्ट्र सशक्त हो। मां ज्ञान ने कहा कि पूर्व काल में कोई वर्ण जन्मजात नहीं था. अपने गुण कर्म में परिवर्तन लाकर एक वर्ण से दूसरे वर्ण में परिवर्तित हो जाना सहज था. अतः ऊंच-नीच की कट्टरता या जातिगत भेद होने का प्रश्न ही नहीं उठता है।
हमारे श्रीराम पुस्तक का विमोचन बाबूलाल और रवींद्र राय ने किया
इस अवसर पर सद्गुरु मां ज्ञान की नवीनतम कृति “हमारे श्री राम” पुस्तक का विमोचन झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री श्री बाबूलाल मरांडी एवं भाजपा प्रदेश सचिव रविंद्र राय के कर कमलों द्वारा संपन्न हुआ। पुस्तक विमोचन के साक्षी के रूप में उपस्थित विशिष्ट अतिथियों में भाजपा जिला अध्यक्ष महादेव दुबे, पूर्व झारखंड सरकार के मंत्री चंद्रमोहन प्रसाद, पूर्व विधायक लक्ष्मण स्वर्णकार, नुनूलाल मरांडी, सुरेश साव, दिलीप बर्मा, समाजसेवी दिनेश यादव समाजसेवी अर्जुन बैठा, नवीन सिन्हा, सदानंद राम तथा अन्य गणमान्य जन उपस्थित रहे।
राम के आदर्शों के बारे में मां का दिया गया संदेश अद्भुत है: बाबूलाल
झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी जी अपने उद्बोधन में कहा कि मुझे काफी लंबे समय के बाद कबीर मंदिर के कार्यक्रम में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। जब मैं आया था तब से अभी तक काफी परिवर्तन हुआ है। मां ज्ञान द्वारा विभिन्न सेवा प्रकल्प को आरंभ किया गया है। मैं जान कर हतप्रभ हूं कि इन्होंने 60 से अधिक पुस्तकों की रचना की है। वर्तमान में जिस पुस्तक के विमोचन का सौभाग्य हमें प्राप्त हुआ है, वह है हमारे श्री राम इसमें सद्गुरु मां ज्ञान ने जन सामान्य को भी अपनी संस्कृति से जोड़ने का अथक प्रयास किया है। भगवान श्री राम के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने के लिए सद्गुरु मां द्वारा दिया गया संदेश बहुत कीमती है। जब भी मुझे सेवा का अवसर प्राप्त होता है मैं इसे अपना अहोभाग्य समझता हूं।
श्री कबीर ज्ञान मंदिर से हमारा पुराना रिश्ता है: रवींद्र राय
इस अवसर पर रविंद्र जी ने कहा कि मैं रामायण का पठन-पाठन करता हूं। जिसका सामान्य अर्थ को तो समझा जा सकता है, लेकिन गहरे अर्थ को समझना कठिन है। हमारे श्रीराम नामक पुस्तक में सद्गुरु मां ने बहुत ही सरल शब्दों में इसकी विवेचना की है। जिससे जनसामान्य को काफी लाभ मिलेगा उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि मैं श्री कबीर ज्ञान मंदिर से बहुत पुराना रिश्ता है. यहां होने वाले कार्यक्रम में जन-जन का कल्याण निहित है।