कोयलांचल वासियों के उम्मीद की किरण बने डॉ. विश्वास
खलारी। हमेशा समस्या और नाकारात्मक खबरों के लिए चर्चा में रहने वाला डकरा अस्पताल से इन दिनों एक साकारात्मक और उम्मीद भरी खबर क्षेत्र के लोगों को राहत पहुंचा रही है। पिछले महीने छह जून को अस्पताल में योगदान देने वाले युवा जेनरल फिजिशियन डॉ.राहुल विश्वास के कारण इस अस्पताल पर लोगों का विश्वास बढ़ रहा है और हर आम-खास लोग उनसे इलाज कराने अस्पताल पहुंच रहे हैं। बांकुड़ा मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई करने वाले डॉ.विश्वास अपने युनिवर्सिटी में टाॅपर रहे हैं और सबसे पहले एक साल एक महीने तक चितरंजन में रेलवे के कस्तूरबा गांधी अस्पताल में सेवा दिए इसके बाद रेलवे के ही डिविजनल अस्पताल आद्रा में सात महीने तक काम करने के बाद इस वर्ष 29 मई को कोल इंडिया में चयन के बाद डकरा अस्पताल भेजे गए हैं। डॉ.विश्वास डकरा में ऐसे समय पर योगदान दिए हैं जब इस अस्पताल को लेकर क्षेत्र में सिर्फ नाकारात्मक बातें प्रचलित थी। जो भी मरीज या जानकार उनसे मिल रहे हैं उनके प्रतिभा और चिकित्सा सेवा को लेकर उनकी जानकारी का कायल हो जा रहे हैं। विभिन्न श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि एवं क्षेत्र के कई संस्थानों के लोग उनसे मिलकर अस्पताल को और बेहतर बनाने में अपना योगदान देने का आग्रह किया है। डॉ.राहुल विश्वास ने कहा कि वे यहां की चिकित्सकीय जरुरतों को समझते हैं और जो कुछ अपने पढ़ाई और अनुभव से सीखा है उससे लोगों की सेवा करने का प्रयास में लगे हुए हैं। कहा कि अस्पताल में समय के साथ कुछ बदलाव की आवश्यकता है वह अपने सीनियर के साथ बातचीत कर उनके सहयोग से ठीक करने का प्रयास में भी लगे हुए हैं।
एक दर्जन चिकित्सक नौकरी छोड़ चले गए
डकरा अस्पताल में योगदान देने के बाद पिछले पांच साल में एक दर्जन से अधिक चिकित्सक नौकरी छोड़ कर चले गए हैं। जानकार लोग बताते हैं कि अस्पताल के भीतर एक लाॅबी सक्रिय है जो किसी भी नए चिकित्सक को टिकने नहीं देते हैं। इस लाॅबी के साजिश का शिकार कहीं डॉ.राहुल विश्वास भी न हो जाए इसको लेकर भी कई तरह की चर्चा है।