21.1 C
Ranchi
Sunday, November 24, 2024
Advertisement
HomeLocal NewsHazaribaghचीन शक्ति का सम्मान करता है.. भारत को अपनी शक्ति बढ़ानी होगी......

चीन शक्ति का सम्मान करता है.. भारत को अपनी शक्ति बढ़ानी होगी… अशोक कुमार कंठ

इट का जवाब पत्थर से देना होगा… यशवंत सिन्हा

चीन आर्थिक विकास में अपनी शिखर को प्राप्त कर चुका है। उसका विकास दर अब गिर रहा है। कोविड महामारी के बाद उसका ध्यान अपनी अर्थव्यवस्था के सुरक्षिकरण की ओर है। संभव है कि वह अमेरिका से बड़ी अर्थव्यवस्था कभी ना बन पाए। यह बातें चीन में भारत के पूर्व राजदूत अशोक कुमार कंठ ने कही। वे आज विनोबा भावे विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानंद सभागार में “भारत के समक्ष चीन की चुनौती” विषय पर व्याख्यान दे रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के इतिहास एवं राजनीति विज्ञान विभाग के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था।

श्री कंठ ने कहा कि चीन शक्ति का सम्मान करता है। चीन के साथ रिश्तों को ठीक करने के लिए भारत को अपनी शक्ति बढ़ानी होगी। उन्होंने आगे कहा कि चीन के साथ पश्चिमी राज्यों के रिश्ते अब बिगड़ने लगे हैं। इसी बौखलाहट से चीन अब आक्रामक नीति अपनाने लगा है। अब ड्रैगन एक निगरानी राज्य बनने की दिशा में है। इसलिए भारत और चीन के बीच सामरिक संबंध अब सर्वाधिक महत्व रखते हैं।

चीन ने विज्ञान एवं प्रविधि के क्षेत्र में प्रगति कर विश्व को चौंका दिया है। परंतु कुछ विद्वानों का मानना है कि अब चीन का भी जापानीकरण हो रहा है।

उधर अमेरिका के साथ चीन का सामरिक प्रतिस्पर्धा जारी है। अब उसे यह भी लगता है कि भारत अमेरिकी खेमा में सम्मिलित हो चुका है। इसीलिए वह भारत के साथ जबरदस्ती करने का प्रयास करता रहता है। वह पाकिस्तान में अधिक रुचि ले रहा है। इसका सामना सेना को मजबूत करने के साथ-साथ बृहत्तर सामरिक वार्ता में समान विचारधारा वाले राष्ट्रों को गोलबंद करके किया जा सकता है।

उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान समय में भारत चीन संबंध पिछले चार दशक के सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है। चीन के साथ संबंध को हम समाप्त नहीं कर सकते हैं। पिछले वर्ष भारत चीन व्यापार 135 बिलियन डॉलर का रहा। आवश्यकता है चीन के साथ एक जोखिम मुक्त रिश्ते का खाखा तैयार करें।

अपने संबोधन के क्रम में भारत के पूर्व विदेश मंत्री सह हजारीबाग के पूर्व सांसद श्री यशवंत सिन्हा ने भारत-चीन संबंध को संचालित करने के तीन सूत्री मंत्र को बताया। उन्होंने कहा कि हमें चीन से सहयोग करनी चाहिए, जहां जरूरी हो प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए और जहां आवश्यकता पड़े चीन का डट के मुकाबला भी करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि चीन का आचरण एक बदमाश राष्ट्र के जैसा होता जा रहा है। अब समय आ गया है कि हम ईट का जवाब पत्थर से देने की तैयारी करें।

इससे पूर्व इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉ विकास कुमार ने आज के मुख्य वक्ता का परिचय कराया तथा सबका स्वागत किया।

प्रश्न सत्र में अलग-अलग विभाग के विद्यार्थियों ने श्री अशोक कुमार कंठ से कई अर्थपूर्ण प्रश्न पूछे। श्री कंठ ने बहुत ही प्रभावी शैली में सभी प्रश्नों का उत्तर दिए। हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ केदार सिंह ने श्री अशोक कुमार कंठ को स्मृति चिन्ह भेंट किया तथा शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ कृष्ण कुमार गुप्ता ने मुख्य अतिथि को शॉल उड़ाकर उनका अभिनंदन किया। धन्यवाद ज्ञापन राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ सुकल्याण मोइत्रा ने किया।

News – Vijay Chaudhary

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments