17.1 C
Ranchi
Monday, November 25, 2024
Advertisement
HomeLocal NewsHazaribaghसंत रविदास के आदर्शो का अनुपालन करे बुद्धिजीवी समाज - डॉ आरसी...

संत रविदास के आदर्शो का अनुपालन करे बुद्धिजीवी समाज – डॉ आरसी मेहता

संत रविदास एक संत ही नहीं एक विचार है,

मन चंगा तो कठौती में गंगा।
कर्म बंधन में बंधे रहिए फल कि न ताजियों आस।
वामन मत पूछिए जो होय गुनहिन, चांडाल को पूछिए जो हो गुण परवीन।

इन विचारों से प्रतीत होता है कि संत रविदास श्रीमद् भागवत गीता एवं महात्मा बुद्ध के विचारों से सहमत है। समकालीन कवियों में रहीम कबीर दास, महात्मा फुले पेरियार से और भगवान रजनीश के विचार एक समान अंधविश्वास और सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के विचारक थें। पर मंडलीय स्वास्थ्य अध्यक्ष डॉक्टर आरसी मेहता ने कहा कि आज समाज में दहेज प्रथा समाप्त करने का एक ही मंत्र है कि लड़कियों को लड़कों के समरूप पिता के संपत्ति में समानता का अधिकार सामाजिक रूप से दिया जाए। मृत्यु भोज के जगह गरीबों को दान दिया जाए। समाज मद्यपान और नशा का बहिष्कार करें क्योंकि विवाह मैं अनेकों रूढ़िवादी रस्मों को आधुनिक युग में छोड़ने की जरूरत है।

समाज में कोड की तरह डायन, बिसाही, ओझा, गुनी और मौलवी झडफुक प्रथा से समाज दिग्विभारत है। अंधविश्वास और नशा के कारण आज देश मानसिक रोगी और डिप्रेशन का शिकार हो चुका है। जिसे त्यागने का सलाह सैकड़ो वर्ष पहले बाबासाहेब गौतम बुद्ध सन्त रविदास, महात्मा ज्योतिबा फुले, भगवान रजनीश और कबीर ने सुझाव दे चुके हैं। जिसे आज अनुपालन करने का समय आ गया है।

News Vijay Chaudhary.

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments