प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र की एक इकाई
दिनांक 10 मार्च 2024 रविवार, समय : सुबह 10:30 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक
स्थान : HZB आरोग्यम नर्सिंग कॉलेज, जिला बोर्ड चौक, पुराना समाहरणालय के सामने, हजारीबाग
रजिस्ट्रेशन के लिए सम्पर्क करें – 8709943454, 9430315177
स्वस्थ रहना है समृद्ध रहना है। आपके शहर-आपके क्षेत्र में पहली बार हम आपको दवा और बीमारी जैसे बड़ी समस्या से छुटकारा दिलाने आए हैं।
हमारा लक्ष्य शुरूआती बीमारी को गंभीर बीमारी बनने से रोकना
“प्राकृतिक चिकित्सा: स्वास्थ्य के लिए पुरानी युक्तियों का नया द्वार”
आज के भाग दौड़ की जिंदगी और प्रदुषित वातावरण के दुष्प्रभाव से बिगड़ते स्वास्थ्य के माहौल से हम सभी लोग भली भांति परिचित हैं। आज समाज के हर घर में कोई ना कोई व्यक्ति बीमार है या बीमारी की तरफ जा रहा है, जो मनुष्य समाज के लिए बहुत ही हानिकारक है। इसी कारण प्राचीन प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के तहत बिना किसी दवाओं के पूरी जिंदगी के लिए स्वस्थ रह सकते हैं और बीमारी को जड़ से समाप्त कर सकते हैं साथ ही पूरे परिवार को स्वस्थ रख सकते हैं । प्राकृतिक चिकित्सा के अंतर्गत आयुर्वेद, योग, प्राणायाम, सुजोक, रिकी, एक्यूप्रेशर, एक्यूपंचर, कलर थेरेपी, मसाज थेरेपी, मड थेरेपी, साउंड थेरेपी, साल्ट थेरेपी, पंचकर्म, शरीर के आंतरिक अंगों की सफाई और बहुत सारी ऐसी प्राचीनतम पद्धतियां है जिनके तहत हम कम खर्च में अपने परिवार एवं समाज को पुरी जिंदगी के लिए बिना किसी दवा और दर्द के ठीक कर सकते हैं। हमारा शरीर प्रकृति के द्वारा निर्मित है और पंच तत्वों से मिलकर बना हुआ है । प्रकृति निर्मित होने के कारण शरीर के भरण पोषण के लिए प्राकृतिक चीजें ही चाहिए जैसे फल, साग, सब्जी, हवा, पानी, सूर्य की रोशनी, मिट्टी और प्रकृति के द्वारा जो भी चीजें मानव जीवन के लिए चाहिए। यह सारी चीजें मूलभूत आधार है और किसी कारण वश अगर इस प्राकृतिक शरीर को यह चीज ना मिले तो शरीर में असंतुलन पैदा होता है। अप्राकृतिक चीजें जैसे बर्गर, चाऊमीन, पिज़्ज़ा, सॉफ्ट ड्रिंक, कोल्ड ड्रिंक, तंबाकू, गुटखा आदि हमारे शरीर को दी जाएंगी तो हमारा शरीर समय से पहले बीमार होगा और कार्य करने की क्षमता कम होती जाएगी । इसी क्रम में प्राचीन प्राकृतिक चिकित्सा के साथ – साथ तमाम फल और खाद्य पदार्थ के तौर पर मोटे अनाज जैसे रागी मडुवा (रागी), मक्का, बाजरा, ज्वार, जिनका की प्राचीन काल में हमारे भारत वर्ष मुल रुप से इस्तेमाल किया जाता था, जिसे प्रकृति के द्वारा हमें निस्वार्थ भावना से दिया गया है, उनका हमारे शरीर के पालन पोषण के लिए बहुत ही अहम भूमिका है। हम आप सभी के लिए ” MY HEALTH NATUROPATH” को लेकर आए हैं जिसके माध्यम से नाड़ी चिकित्सा के तहत संपूर्ण शरीर की जांच मानव शरीर के हाथों से आधुनिक उपकरण के द्वारा किया जाता है और उसके पश्चात बायो फिजियोथेरेपी, उपवास, Detox, दिनचर्या, आयुर्वेदिक (रस, काढा, क्वाथ) और न्यूरोथेरेपी के माध्यम से उपचार किया जाता है।
शरीर में रक्त के उचित प्रवाह, शरीर की ऊर्जा, शरीर में पित्त, वात और कफ के उचित संतुलन, जीवन के कार्यशैली के आधार पर प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ अजय कुमार विश्वकर्मा एवं अनामिका सिहं (थैरेपिस्ट) के द्वारा प्रकृति तरीके से उपचार किया जाता है। हमें यह पूर्ण विश्वास है कि स्वास्थ्य के इस प्राचीन पद्धति के प्रचार प्रसार में आप सभी का पूर्ण सहयोग मिलेगा ताकि हम विलुप्त होते हुए इस प्राचीन पद्धति को भारत वर्ष के हर जन-जन तक पहुचाने में आप सभी का पूर्ण सहयोग हमें प्राप्त होगा।