रांची : झामुमो के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने गुरुवार को मीडिया के समक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि अभी-अभी पीएम मोदी का बयान आया है कि बंगाल में ईडी ने जो तीन हजार करोड़ रुपये पकड़े हैं, वो बंगाल के लोगों में बांट दिये जायें। अब सवाल उठता है कि ईडी जो पैसे पकड़ती है, वो भाजपा के खाते में जाते हैं क्या? पीएम मोदी के बयान से तो ऐसा ही लगता है, और अगर बंगाल में ईडी द्वारा पकड़े गये रुपए बंगाल के लोगों में बांट दिये जायें तो स्विस बैंक में पड़े पैसे, जो उन्होंने 15-15 लाख बांटने को कहा था, वो कहां गये? श्री भट्टाचार्य ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का इलेक्टोरल बॉन्ड पर जो ऐतिहासिक फैसला आया और जिस प्रकार से ईडी की छापेमारी विपक्ष के नेताओं के खिलाफ शुरु हुई और उन्हें जेल भेजा गया। इससे साफ पता चलता है कि भाजपा को चुनाव में हार का डर सताने लगा है। अब तो स्थिति ऐसी हो गई है कि इधर विपक्ष अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा करता है और उधर ईडी उसके दरवाजे पर दस्तक दे देती है।
संसदीय इतिहास में पहली बार विपक्ष के खिलाफ जांच एजेंसियों का कहर बरपा है
कहा कि अब तो स्थिति यह हो गई है कि कहीं हमलोग अपने प्रत्याशी के नामों की घोषणा करें और उधर, दूसरे दिन ईडी फिर उनके दरवाजे पर न पहुंच जाये। शायद यही कारण है कि अब कई लोग चुनाव लड़ने से कतरा रहे हैं कि कौन इस झमेले में पड़े। कई लोग ऐसे भी हैं कि चुनाव इसलिए लड़ रहे हैं कि ईडी का लाभ मिल जाये। कहा कि यह तो सीधे मतदाताओं को लुभाने का जरिया है लेकिन शायद चुनाव आयोग मौन रहने की कसम खा रखी है। चुनाव आयोग इसका संज्ञान कभी लेगा, इसमें संदेह है। भाजपा ने देश में अजीब सा देश में माहौल बना दिया है। पहली बार संसदीय इतिहास में इतना डर और आतंक का माहौल कायम है. क्योंकि ये चुनाव लोकतंत्र या लोकशाही में नहीं बल्कि फासीवाद व डिक्टेटरशिप को स्थापित करने के लिए हो रहा है।
सीतारमण के पति ने माना…इलेक्टोरल बॉन्ड विश्व का सबसे बड़ा घोटाला
सुप्रियो ने कहा कि अब तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति परक्कल प्रभाकरण ने भी कह दिया कि इलेक्टोरल बॉन्ड विश्व का सबसे बड़ा घोटाला है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कथित शराब घोटाले में जो सरकारी गवाह बना है। वो पहला इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदकर टीडीपी को देता है, जो भाजपा का समर्थक है। दूसरा बॉन्ड खरीदकर बीआरएस को देता है। जब शराब कांड रचा जाता है तो आम आदमी पार्टी को समाप्त करने के लिए भाजपा को वो 55 करोड़ रुपये देता है। लेकिन इलेक्टोरल बॉन्ड पर मीडिया के सामने निर्मला सीतारमण बौखला गई और वह भी कुतर्क के सहारे काम चलाया. अब ये कौन पूछेगा कि प्रभाकरण सही हैं या सीतारमण…?
समझ से परे है इलेक्टोरल बॉन्ड पर अमित शाह का तर्क
झारखण्ड में भी फर्जीवाड़े ढंग से जमीन घोटाले को जन्म दिया जाता है। जमीन किसी और की और जमीन हेमन्त सोरेन का दिखा दिया जाता है। जहां मनी का न तो ट्रेलिंग हुआ और न ही लॉन्ड्रिंग। हमें समझ नहीं आता कि वहां पीएमएलए कहां से आ जाता है और जहां 55 करोड़ की सीधी ट्रेडिंग हुई, वो भी शरत चंद्र रेड्डी द्वारा, भाजपा उसे भुना भी लेती है। लेकिन वहां पीएमएलए नहीं होता। हद हो गई पूरे देश के एयरक्राफ्ट मशीनरी के 55 प्रतिशत पर भाजपा ने कब्जा कर लिया, ठीक उसी प्रकार जैसे इलेक्टोरल बॉन्ड पर किया। इलेक्टोरल बॉन्ड पर गृहमंत्री अमित शाह का कुतर्क विश्व समझ से परे है. यही हाल भाजपा के प्रवक्ताओं का है.