रांची : आखिरकार ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के दरवाजे पर ईडी ने दस्तक दे ही दी. ईडी ने समन जारी 14 मई को उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया है। बीते 6 मई को आलमगीर के निजी सचिव संजीव लाल समेत छह लोगों के कुल नौ ठिकानों पर छापेमारी के बाद सत्ता के गलियारे में यह चर्चा जोरों पर थी की थी कि ईडी मंत्री को भी जांच के घेरे में ले सकता है. ईडी ने संजीव लाल के नौकर के ठिकाने से कुल 35.23 करोड़ रुपये बरामद करने और दोनों की गिरफ्तारी के बाद आलमगीर से पूछताछ जरूरी थी. ईडी ने दोनों को कोर्ट में पेश कर 13 मई तक रिमांड पर लिया है। अभी दोनों से रिमांड पर पूछताछ चल रही है। संभव है कि आलमगीर के सामने दोनों को बिठाकर ईडी पूछताछ कर सकती है.
बरहड़वा में टेंडर मैनेज को लेकर भी आलमगीर के खिलाफ ईडी ने एफआईआर दर्ज कर रखी है
बता दें कि आलमगीर आलम के करीबी चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम से जुड़े मनी लाउंड्रिंग केस में ईडी ने छह मई को छापेमारी की थी। कहा जा रहा है कि तब तकरीबन 35 करोड़ रुपये बरामद किए थे। मंत्री के ओएसडी संजीव कुमार लाल के नौकर जहांगीर आलम के यहां से ईडी ने तकरीबन 32 करोड़ बरामद किया। वहीं बाकी नगद राशि मुन्ना कुमार सिंह नाम के एक ठेकेदार और कुछ दूसरे इंजीनियरों के यहां से बरामद किया गया था। छापेमारी को दौरान मुन्ना कुमार सिंह के पीपी कंपाउंड स्थित फ्लैट,विकास कुमार, पथ निर्माण विभाग के सहायक इंजीनियर के सेल सिटी स्थित फ्लैट और कुलदीप मिंज, पथ निर्माण विभाग के सहायक इंजीनियर के बोड़ैया स्थित आवास पर छापेमारी की थी. अब देखना है कि बरामद करोड़ों रुपए की बरामदगी से संबंधित जानकारी आलमगीर से ईडी ले सकती है. वैसे भी साहेबगंज के बरहड़वा में टेंडर मैनेज करने को लेकर ईडी ने प्राथमिकी दर्ज कर रखी है.