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Tuesday, September 24, 2024
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विज्ञान केंद्र बन रहा है वैज्ञानिक ज्ञानाधार का केंद्र

विज्ञान केंद्र में गुमला सहित विभिन्न जिलों से भी आ रहें विद्यार्थी , नन्हें वैज्ञानिकों को भी मिल रहा है अपने वैज्ञानिक हुनर का प्रदर्शन करने का मौका

गुमला : जिला उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की पहल से गुमला जिले में एक नई गतिवधि की शुरुआत हुई “सिकछा कर भेंट” इस गतिवधि का मुख्य उद्देश्य है कि जिले में शिक्षा के के विभिन्न श्रोतों को दुरुस्त करना साथ की जिले में शिक्षा व्यवस्था को एक नई उड़ान देना है। इसी क्रम में गुमला में पूर्व में बने विज्ञान केंद्र के नवीनीकरण के पश्चात जिले में एक वैज्ञानिक लहर देखने को मिल रही है, जिसमें गुमला ही नहीं बल्कि अन्य जिलों से भी विद्यार्थी इस विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक ज्ञानाधार का हिस्सा बन रहें हैं। एवं नन्हें विद्यार्थियों में भी वैज्ञानिक बनने की इच्छा प्रबल देखने को मिल रही रही है।

पिछले दिनों जिले के विज्ञान केंद्र में 3 दिवसीय समर कैंप का आयोजन हुआ , इस समर कैम्प में गुमला सहित हजारीबाग, रांची, लोहरदगा सहित विभिन्न जिलों से भी 8 से 16 वर्ष के विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस बीच गुमला जिले के एक नन्हें वैज्ञानिक ने समर कैंप में भाग लिया एवं समर कैंप के अंतिम दिवस में उन्होंने स्वयं रोबोट का निर्माण कर उपायुक्त को दिखाया जिसे देख उपायुक्त भी आश्चर्यचकित एवं प्रभावित नजर आए।

गुमला जिले के कक्षा 7वीं के नन्हे वैज्ञानिक श्रींश भरद्वाज

गुमला के ग्रामीण क्षेत्र करोंदी के निवासी अनुज कुमार मिश्रा के पुत्र श्रींश भारद्वाज ने रोबोटिक्स एवम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए अपने वॉइस कमांड से चलने वाला रोबोट बनाया है । गुमला विज्ञान केंद्र में आयोजित समर कैंप के अंतिम दिन उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी के समक्ष श्रींश ने अपने रोबोट का प्रदर्शन किया जिससे उपायुक्त के साथ कैंप में भाग ले रहे सभी प्रतिभागी अत्यंत ही प्रभावित हुए ।

ज्ञात हो कि श्रींश भारद्वाज डीएवी पब्लिक स्कूल गुमला के कक्षा सातवीं के छात्र है । पिछले 3–4 साल पहले कोरोना काल में जब सभी विद्यालय बंद थे और ऑनलाइन माध्यम से किसी तरह शिक्षण गतिविधियां कराई जा रही थी तब मात्र 10 वर्ष से कम उम्र में इस नन्हे वैज्ञानिक का इलेक्ट्रानिक के क्षेत्र में रुझान हो गया था और यूट्यूब के माध्यम से स्वयं इलेक्ट्रिक एवम इलेक्ट्रानिक चीजें बिना किसी एक्सपर्ट की मदद से स्वयं सीखते हुए घर में ही प्रयोग करते रहते हैं तथा वे इलेक्ट्रिक पंखा, चार्जर बिजली उपकरण की मरम्मत के साथ साथ अन्य नवाचारी कार्यों में भी जुटे हुए रहते है ।

इनके पिता अनुज कुमार मिश्रा ने बताया कि वो एक निम्न मध्यम वर्गीय परिवार से हैं पर उनके बेटे द्वारा अपने वैज्ञानिक प्रयोग के लिए जब जब जिस चीज की मांग की जाती है उसे स्थानीय बाजार, रांची के बाजार सहित ऑनलाइन मंगा कर भी उसे सहयोग करते हैं, उन्होंने कहा कि जब जिले में विज्ञान केंद्र में समर कैम्प का आयोजन हुआ इससे श्रींश को भी उनके विज्ञान से जुड़े ज्ञान में निखार लाने का एक अवसर मिला एवं वह बेहद ही खुश तथा विज्ञान को लेकर उनकी रुचि और अधिक बढ़ती नजर आई मानों जैसे उनके हुनर को एक पंख मिल गया हो। श्रींश भविष्य में रोबोटिक्स इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं। श्रींश के इस बेहतरीन प्रयास एवं उनके हुनर को देख उपायुक्त भी बेहद प्रभावित नजर आएं एवं उनके उज्जवल भविष्य के लिए उन्होंने शुभकामनाएं दी।

न्यूज़ – गनपत लाल चौरसिया।

 

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