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Sunday, November 24, 2024
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HomeLocal NewsGumlaआदिवासी समाज की सामुदायिकता और परंपराओं को संरक्षित रखने का आह्वान

आदिवासी समाज की सामुदायिकता और परंपराओं को संरक्षित रखने का आह्वान

समाज की सामुदायिकता और अधिकारों की रक्षा पर विशेष चर्चा

गुमला : गुमला जिले के बसिया-ममरला भिकारिएट काथलिक आम सभा कोहड़ा टोली चर्च में एक वार्षिक आम सभा का आयोजन किया गया, जिसमें ममरला, तालेसेरा, रोशन पूर, छाता पहाड़, और कोहड़ा टोली चर्च के हजारों लोग शामिल हुए। इस सभा में कांग्रेस के प्रदेश सचिव रोशन बरवा ने अपने वक्तव्य में कहा कि आदिवासी समाज सामुदायिकता में जीवन जीता है और एक-दूसरे के साथ मिलकर आगे बढ़ने में विश्वास रखता है। उन्होंने कहा कि हमारे समाज ने अपनी भाषा, संस्कृति, सभ्यता और जल-जंगल-ज़मीन को संरक्षित रखा है, जिसे आज पूंजीपतियों की गिद्ध दृष्टि से खतरा है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी भावी पीढ़ी को हमारी महान आदिवासी परंपराओं से अवगत कराना जरूरी है, ताकि वे हमारी धरोहर को समझ सकें।

केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा आदिवासियों के अधिकारों को कमजोर करने के प्रयासों का जिक्र करते हुए, रोशन बरवा ने कहा कि आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों को शिथिल करने के लिए तरह-तरह के कानून बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कुर्मी महतो समाज को जनजाति सूची में शामिल करने के आदेश पर भी चिंता जताई और कहा कि आदिवासियों को इस खतरे के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई लड़नी होगी।

गुमला धर्मप्रांत के विकर जनरल फादर एमानुएल कुजूर ने ‘कलीसिया में पुरुष: अतीत की ताकत और भविष्य की आशा’ विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कलीसिया की मजबूती के लिए पुरुषों को सजग रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमें सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक और राजनीतिक रूप से सबल बनना है, अपनी भाषा और संस्कृति को बचाना है, और नशा पान से दूर रहकर समाज को सही मार्ग पर ले जाना है। उन्होंने शैक्षणिक संस्थानों, स्वास्थ्य संस्थानों, मिशन बैंक की स्थापना जैसे क्षेत्रों में आदिवासी समाज के योगदान का उल्लेख किया और कहा कि आज राजनीतिक और मीडिया के क्षेत्र में भी आदिवासी समाज को आगे आकर नेतृत्व करना चाहिए।

रोष खाखा ने अपने वक्तव्य में कहा कि आदिवासी देश के प्रथम नागरिक हैं और देश में बनने वाले किसी भी कानून को आदिवासियों के हितों के अनुरूप होना चाहिए। उन्होंने सरकार द्वारा समान नागरिक संहिता लागू करने की कोशिश को आदिवासियों के संवैधानिक प्रावधानों को खत्म करने का प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि सरना और ईसाई के नाम पर आदिवासियों को लड़ाकर सत्ता में बने रहने की कोशिश की जा रही है, जिसके खिलाफ हमें सावधान रहना होगा।

आम सभा को ममरला भिखारिएट के डिन फादर बिलियम, पल्ली पुरोहित फादर जेम्स डुंगडुंग, तालेसेरा के पल्ली पुरोहित फादर पियूष बनई, और पंचायत की मुखिया एमलेन कुल्लू ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम के सफल संचालन में त्योफिल खलखो, बांधना धनवार, सुजीत टेटे, अमित बघवार आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

खबर- गनपत लाल चौरसिया

News – Sanjana Kumari

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