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Tuesday, January 21, 2025
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झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने शुरू की बहुभाषी शिक्षण कार्यक्रम के मास्टर ट्रेनरों के लिए छह दिवसीय विशेष कार्यशाला

✦ बहुभाषी शिक्षण कार्यक्रम के तहत मास्टर ट्रेनरों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यशाला की शुरुआत

✦ आठ जिलों के 45 शिक्षक ले रहे है कार्यशाला में भाग, छह दिनों तक चलेगी कार्यशाला

✦ अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात भाषाविद डॉ. महेंद्र मिश्रा ने मास्टर ट्रेनरों का किया मार्गदर्शन

✦ वर्तमान अकादमिक सत्र में राज्य के 1040 विद्यालयों में होगा मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षा कार्यक्रम का विस्तार

राज्य में मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षण कार्यक्रम के सफल संचालन तथा इससे जुड़े अपेक्षित उच्चतम लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु अपनायी जाने वाली शिक्षण प्रक्रिया तथा इस बहुउद्देशीय शिक्षण कार्यक्रम से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत कराने हेतु आज से राज्य के 8 जिलों के 45 चयनित शिक्षकों के लिए रातू स्थित झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद में एलएलएफ संस्था के सहयोग से छह दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यशाला की शुरुआत हुई।

इस विशेष प्रशिक्षण कार्यशाला में दुमका, गुमला, खूंटी, लोहरदगा, पश्चिमी सिंघभूम, साहिबगंज, लातेहार, सिमडेगा के मास्टर ट्रेनर शामिल हो रहे है। प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर बहुभाषी शिक्षा के लिए राज्य-स्रोत-समूह (MLE-SRG) के रूप में कार्य करेंगे तथा इनके द्वारा भविष्य में संबंधित जिलों के चयनित विद्यालयों के बहुभाषी शिक्षा से जुड़े शिक्षकों को समयक रूप से प्रशिक्षित तथा अनुसमर्थन किया जाएगा।

भारत में मातृभाषा के प्रचार-प्रसार के लिए उनके आजीवन योगदान के लिए यूनेस्को द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा पुरस्कार 2023 से सम्मानित प्रख्यात भाषाविद् और लोकगीतकार डॉ महेंद्र कुमार मिश्रा ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए बुनियादी शिक्षा में बहुभाषी शिक्षा के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि मातृभाषा में पढ़ने से बच्चों की भाषाई विकास में सुधार होता है।

यह उनकी शब्दावली, वाक्य रचना, और वाक्यों का अर्थ समझने की क्षमता को बढ़ावा देता है। बच्चे अपने परिवार, मित्र, और समाज के साथ संवाद आसानी से कर पाते है। साथ ही बच्चों को शिक्षा की सुगमता मिलती है, जिससे उनकी शिक्षा में रुचि बनी रहती है। इससे उनके विचार और सोचने की क्षमता का भी विकास होता है।

आज से शुरू हुए कार्यशाला को संबोधित करते हुए लैंग्वेज एंड लर्निंग फाउंडेशन, नयी दिल्ली के तकनीकी विशेषज्ञ श्रीमती स्मृति मिश्रा ने कहा कि प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चो की बुनियादी शिक्षा में मातृभाषा के प्रति उनकी समझ और बहुभाषी शिक्षा सीखना महत्वपूर्ण है। बच्चों को उनकी मातृभाषा में पढ़ाई कराने से उनकी शिक्षा में गहराई और समग्रता बढ़ती है। इसके साथ ही बहुभाषी शिक्षा उन्हें अन्य भाषाओं के साथ भी संवाद करने की क्षमता प्रदान करती है। इससे उनकी सोचने की क्षमता और सामाजिक जीवन में सहयोग बढ़ता है।

विगत वर्षो से राज्य के 259 विद्यालयों में मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षण कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है, जिसे वर्तमान शैक्षणिक सत्र में राज्य के 1040 विद्यालयों में विस्तारित करने की योजना प्रस्तावित है।

News Desk

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