गुमला: विद्युत विभाग की आक्रमणशीलता और कार्य शिथिलता के कारण गुमला की जनता अंधेरे में रहने और बूंद-बूंद पानी के लिए तरसने को मजबूर है। गुमला चेंबर ऑफ कॉमर्स ने बिजली विभाग को चेतावनी दी है कि अगर कुछ दिनों के अंदर बिजली आपूर्ति की स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो उन्हें उग्र आंदोलन और प्रदर्शन का सामना करना पड़ेगा।
लगातार विद्युत आपूर्ति बाधित होने के कारण स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिला मुख्यालय में पेयजल आपूर्ति भी प्रभावित हो रही है, जिससे लोग पानी के लिए तरस रहे हैं। बिजली मिस्त्री उपभोक्ताओं से अवैध वसूली में लिप्त हैं। मात्र बिजली के पोल पर चढ़ने के लिए 200 रुपये वसूले जा रहे हैं। विद्युत विभाग की कार्य शिथिलता के कारण गुमला के नागरिकों और व्यापारियों को उद्योग धंधों में बड़ा नुकसान हो रहा है।
व्यापारियों का कहना है कि बिजली की अनियमित आपूर्ति के कारण उनके उद्योग धंधे बंद होने के कगार पर हैं। थोड़ी सी बारिश होते ही बिजली गुल हो जाती है और आकाशीय बिजली के बहाने घंटों बिजली आपूर्ति काट दी जाती है। आजादी के 75 साल बाद भी आदिवासी बहुल जिला गुमला के लोग ढिबरी के युग में जीने को विवश हैं। चेंबर ऑफ कॉमर्स ने कहा कि विद्युत विभाग की सहनशीलता की सीमा पार हो गई है। अगर विभाग को कोई समस्या है तो जनता को सूचित करना चाहिए।
गुमला जिला प्रशासन से आग्रह है कि इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए विद्युत विभाग में सुधार कराए। जिससे नागरिकों को परेशानी न हो और छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो। अगर दो दिनों के भीतर विद्युत आपूर्ति में सुधार नहीं होता, तो चेंबर ऑफ कॉमर्स गुमला, विद्युत विभाग के विरुद्ध उग्र आंदोलन और प्रदर्शन करेगा। इसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन और विद्युत विभाग पर होगी।
News – गनपत लाल चौरसिया
Edited by – संजना कुमारी