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Friday, October 18, 2024
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भाजपा नेताओं के रवैए पर बंधु तिर्की ने कड़ा एतराज जताया,कहा-किसी पुख्ता प्रमाण के लव जिहाद व बगैर कोई आंकड़ा पेश किए घुसपैठ के बारे में आरोप लगाने से बाज आएं…!

रांची : पूर्व मंत्री एवं झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का झारखण्ड की आदिवासी महिलाओं एवं/युवतियों के प्रति दृष्टिकोण उनके वक्तव्यों से पूरी तरीके से स्पष्ट हो गई है. किसी भी दृष्टिकोण से आदिवासी महिलाओं और युवतियों के मान-सम्मान को राजनीतिक हथियार बनाने से भाजपा नेताओं को बाज आना चाहिये और यह बिल्कुल गलत है. श्री तिर्की ने इस बात पर जोर दिया कि बाहर से आनेवाला कोई भी नेता जब-तब आरोप लगाये और आदिवासी महिलाओं की अस्मिता एवं उनके सम्मान से खिलवाड़ करे, इसे झारखंडवासी बर्दाश्त नहीं करेंगे. श्री तिर्की ने कहा कि चाहे झारखण्ड के भाजपा नेता हों या फिर दिल्ली या किसी अन्य क्षेत्र से आनेवाले कोई भी नेता लेकिन वे महिला उत्पीड़न, लव जिहाद और विशेष रूप से संथालपरगना क्षेत्र में आदिवासी महिलाओं से संबंधित विभिन्न विषयों को जिस तरीके से ना केवल अपनी सभाओं या बैठकों बल्कि मीडिया में भी रखते हैं, यह उनके संकुचित नज़रिये को दर्शाता है.

‘घुसपैठ की जवाबदेही गृह मंत्रालय की, सबूूत पेश करें…!’

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, असम के मुख्यमंत्री हेमंत विस्व सरमा के साथ ही बाबूलाल मरांडी, अमर बाउरी और अन्य कई नेता हमेशा संथालपरगना क्षेत्र में डेमोग्राफी में परिवर्तन और महिलाओं के साथ लव जिहाद जैसी बातें करके मीडिया और लोगों का ध्यान तो अपनी ओर खींच लेते हैं. लेकिन ऐसा वे बिना किसी आंकड़े, प्रमाण और थाने में दर्ज़ मामले की संख्या के ही करते हैं. श्री तिर्की ने कहा कि यदि भाजपा नेताओं के पास कोई पुख्ता प्रमाण है तो उसे सामने लाना चाहिये या उन्हें सक्षम अथॉरिटी के पास अपनी शिकायत दर्ज करवानी चाहिये ना कि अखबार और मीडिया की सुर्खियां बनने के चक्कर जब-तब बिना प्रमाण के आरोप लगाना चाहिये? श्री तिर्की ने कहा कि संथालपरगना के विभिन्न क्षेत्रों में घुसपैठ के संदर्भ में अमित शाह और भाजपा नेताओं के आरोपों का साधारण-सा जवाब यही है कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर निगरानी और घुसपैठ रोकने की जिम्मेदारी केन्द्रीय एजेंसियों विशेष रूप से, सीमा सुरक्षा बल के ऊपर है और यदि घुसपैठ हो रही है तो इसकी जवाबदेही केन्द्रीय गृह मंत्रालय को अपने सिर पर लेनी चाहिये ना कि झारखण्ड या अन्य किसी राज्य के ऊपर उसका आरोप लगाया जाना चाहिये.
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