गुमला – गुमला जिला अंतर्गत डुमरी स्थित रोमन कैथोलिक चर्च नवाडीह में संत इग्नासियुस लोयोला पर्व बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर मुख्यअधिष्ठाता फादर देवनीश तिर्की ने मिस्सा पूजा संपन्न कराई और संत इग्नासियूस के जीवन पर प्रकाश डाला।
संत इग्नासियुस का जीवन और उनकी शिक्षा
फादर देवनीश तिर्की ने बताया कि संत इग्नासियूस का जन्म एक धनी परिवार में हुआ था, और वे 13 भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। उन्होंने अपने जीवन को ईश्वर की सेवा के लिए समर्पित किया। एक सैनिक से सेनापति बने संत इग्नासियूस ने स्पेन-फ्रांस युद्ध के दौरान अपनी वीरता दिखाई। पमलोना युद्ध में गंभीर रूप से घायल होने के बाद, उनका जीवन परिवर्तित हो गया। अस्पताल में पढ़ी गई धार्मिक पुस्तकों ने उनके जीवन का मार्ग बदल दिया, जिससे उन्हें ईश्वरीय प्रेरणा मिली।
यीशु समाज की स्थापना
संत इग्नासियूस ने अपने नौ दोस्तों के साथ मिलकर सोसाइटी ऑफ जीसस (यीशु समाज) की स्थापना की। इसका मुख्य उद्देश्य ईसा मसीह का सेवक बनाना और शिक्षा व आध्यात्मिक जीवन को बढ़ावा देना था। उनके इस योगदान को मान्यता देते हुए 1622 में उन्हें संत घोषित किया गया।
नुक्कड़ नाटक और अन्य कार्यक्रम
इस अवसर पर 10वीं कक्षा की छात्राओं ने संत इग्नासियूस के जीवन पर आधारित नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में फादर ब्यातुस किंडो, फादर पिंगल कुजूर, फादर जेरोम खलखो, फादर बिलियम डुंगडुंग, फादर जस्टिन लुसियन, फादर टी पायस, सि बेरनासिया, सि ललिता, सि फ्लोरा, सि भूषण, सि बेरोनिका, प्रमुख जीवंती एक्का, मुखिया प्रदीप मिंज, चेतनलाल मिंज सहित सैकड़ों धर्मावलंबी और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
News – गनपत लाल चौरसिया