रांची : मांडर की विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा है कि आदिवासियों की पारम्परिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक ज़मीन की रक्षा के लिये सरना धर्म न्यास बोर्ड का गठन जरूरी है. विधानसभा में गुरुवार को श्रीमती तिर्की ने कहा कि आदिवासियों का जीवन, परंपरा, सभ्यता-संस्कृति आदि जमीन के साथ गहराई से जुड़ी हुई है और जमीन से अलग करके हमें नहीं देखा जा सकता. आज अपनी इन्हीं मांगों को श्रीमती तिर्की ने विधानसभा में प्रमुखता व मुखरता के साथ रखा और धरना दिया.
‘धार्मिक, सामाजिक और भूमि संरक्षण के लिए बोर्ड का गठन जरूरी’
उन्होंने कहा कि आदिवासियों की धार्मिक, सामाजिक, पारंपरिक एवं सांस्कृतिक भूमि का संरक्षण व विकास बहुत ज्यादा जरूरी है. इसके लिए सरना धर्म न्यास बोर्ड का गठन कर ही इस उद्देश्य की पूर्ति की जा सकती है. इसके साथ ही आदिवासियों की जमीन का खनन सहित अन्य उद्देश्यों के लिये उपयोग वास्तव में प्रहार है लेकिन सरना धर्म न्यास बोर्ड का गठन, वैसी ज़मीन के संरक्षण एवं बचाव के लिये बहुत अधिक जरूरी है.