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Sunday, November 24, 2024
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बंधु तिर्की ने हिमंता से कहा-झारखंड में घुसपैठिये के मामले उछालने से बेहतर होगा कि आदिवासी-मूलवासियों से लूटी गयी ज़मीन उन्हें कब और कैसे वापस मिलेगी…ये बताएं?   

एचईसी बंदी के कगार पर…लेेेकिन असम के सीएम ने कभी पक्ष में बयान नहीं दिया, उल्टे एचईसी का अकाउंट फ्रीज हो गया

रांची : पूर्व मंत्री एवं झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा है कि असम के मुख्यमंत्री और झारखण्ड भाजपा के सह प्रभारी हिमंता विस्वा सरमा झारखंड में सांप्रदायिकता का जहर घोल रहे हैं, झारखण्ड के लोगों के लिये घातक है. यदि श्री सरमा सहित अन्य भाजपा नेताओं को झारखण्ड और यहां के आदिवासियों व मूलवासियों की इतनी ही चिन्ता है तो वे बताएं आदिवासी-मूलवासियों से लूटी गयी ज़मीन उन्हें कब और कैसे वापस मिलेगी? श्री तिर्की ने मंगलवार को रांची स्थित अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत करते कहा कि सांप्रदायिकता और घुसपैठिये की रट लगाते हेमंता विस्वा सरमा की तथाकथित तांत्रिक बुद्धि को झारखण्ड में नहीं चलने देंगे. श्री तिर्की ने कहा कि एचईसी आज बंदी के कगार पर खड़ी है परंतु हेमंता विस्वा सरमा के मुंह से आज तक इस बारे में कोई बयान तक नहीं आया, उल्टे एचईसी का अकाउंट फ्रीज कर दिया गया।

हिमंता ने असम से कितने घुसपैठियों को बाहर निकाला?

श्री तिर्की ने कहा कि केन्द्र सरकार के पास झारखण्ड की बकाया 1 लाख 36 हज़ार करोड़ रुपये की राशि का अविलम्ब भुगतान करने के सन्दर्भ में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सुनाये गये निर्णय के बाद लम्बा समय बीत चुका है लेकिन केन्द्र सरकार ने इस दिशा में कोई भी कदम नहीं बढ़ाया है. श्री तिर्की ने कहा कि संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों की बात करनेवाले हेमंता विस्वा सरमा को यह बताना चाहिये कि अपने मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान उन्होंने असम से कितने घुसपैठियों को बाहर निकाला? श्री तिर्की ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार की मईया सम्मान योजना से घबराकर भाजपा नेता उल-जुलूल बयान दे रहे हैं और अब उनसे जुड़े लोग ही हाईकोर्ट गये हैं. वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि यह योजना अब झारखण्ड की आधी आबादी की पहचान है और अगले 22 सितम्बर को राजधानी के पुराने विधानसभा मैदान में आयोजित सम्मेलन में विभिन्न जिले से आये 10 हजार माताओं-बहनों द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का आभार व्यक्त किया जाएगा।

असम में जनजातीय के रूप में अबतक मान्यता क्यों नहीं मिली?

श्री तिर्की ने कहा कि झारखण्ड में आदिवासियों के हितों पर लम्बी-चौड़ी बातें करनेवाले असम के मुख्यमंत्री को यह बताना चाहिये कि उन्होंने स्वयं वहां के मुख्यमंत्री के रूप में आदिवासियों के लिये क्या किया और उनके लिए कौन कल्याणकारी कदम उठाये? उन्होंने याद दिलाया कि झारखण्ड से 150 साल पहले पलायन कर असम गये आदिवासियों को वहां अबतक एमओबीसी अर्थात अप्रवासी अन्य पिछड़ा वर्ग का दर्जा प्राप्त है और जनजातीय के रूप में अबतक मान्यता नहीं मिली है. इसके कारण असम में बसे झारखण्ड के उन आदिवासियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है. श्री तिर्की ने कहा कि भाजपा के शासनकाल में 2014 में सत्ता में आयी तो उसने सीएनटी एक्ट में ही संशोधन कर दिया. यदि लोगों का प्रतिरोध ना होता तो झारखण्ड की ज़मीन लूटने में भाजपा पूरी तरीके से सफल हो जाती.

सरना धर्मकोड पर हिमंता क्यों नहीं कुछ बोलते?

श्री तिर्की में कहा कि 5 जनवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पलामू एवं गढ़वा में किसानों के हित में उत्तरी कोयल नदी पर मंडल डैम का शिलान्यास किया था लेकिन अबतक वह भी अधूरा है जिससे उन जिलों के किसानों को लाभान्वित करने की योजना आज ठंढे बस्ते पर चली गयी है। श्री तिर्की ने कहा सरना धर्मकोड पर हेमंता विस्वा सरमा क्यों नहीं कुछ बोलते. इन्हीं के सरकार द्वारा वन अधिकार कानून 2006 संशोधन किया गया और लूट की खुली छूट दे दी गयी। इन सभी सवालों का जवाब हेमंता विस्वा सरमा को देना चाहिए।

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