सीएम हेमंत सोरेन ने गुवा गोलीकांड के शहीदों को दी श्रद्धांजलि…शहीदों को नमन किया
चाईबासा : सीएम हेमंत सोरेन ने चाईबासा में रविवार को कहा कि चंपाई सोरेन का नाम लिए बगैर कहा कि अपने ही बीच में ही कुछ लोग ऐसे रहें जो झारखंडियत की लड़ाई को छोड़कर अलग राह चले गये और ऐसे लोगों की गोद में जाकर बैठ गए, जिसने झारखंड को बर्बाद करने का बीड़ा उठाए हुए हैं. लेकिन हमलोगों ने खुद को समेटा और इस लड़ाई को जारी रखने का फैसला किया है. सीएम आज गुवा, नोवामुंडी, चाईबासा में गुवा गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद जनसभा को संबोधित कर रहे थे. सीएम ने आयोजित सभा में शहीद स्थल पर माल्यार्पण कर शहीदों को नमन किया। हेमंत सोरेन ने कहा कि विपक्ष अब उनके पूरे परिवार को जेल भेजने की तैयारी में लगा है। वे इसकी परवाह नहीं करते. हम झारखंड के विकास के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं, क्योंकि जनता हमारे साथ है.
‘पूर्व की सरकारों ने अगर सही योजना व नीति बनायी होती तो, यहां के लोग सबसे धनी होते’
श्री सोरेन ने कहा कि पूर्व की सरकारों अगर सही योजना और नीति बनायी होती तो, यहां के लोग सबसे धनी होते। लेकिन यहां के लोगों को मजदूर बना कर रखा गया। कहा कि झारखंड के मजदूर यहां के अलावा अन्य राज्य में भी जाकर मजदूरी करते हैं। दूसरे राज्य के लोग ट्रेन में भर-भर कर यहां के लोगों को मजदूरी कराने के लिए ले जाते हैं। गलत नीतियों ने इस राज्य की ये हालत बना दी है। उन्होंने कहा कि ये अफसोस की बात है कि खनिज संपदा से भरे राज्य के लोगों की गिनती देश के सबसे गरीब लोगों में की जाती है, जबकि हमसे धनी कोई राज्य नहीं है। सीएम ने कहा कि किसी ने सोचा नहीं था कि अलग राज्य मिलेगा। लोग अलग राज्य के लिए हो रहे आंदोलन को देखकर हंसते थे। लेकिन हमारी लड़ाई को कामयाबी मिली और अलग राज्य मिला। तब इनलोगों ने कहा कि अलग राज्य मिलने से क्या होगा। सत्ता तो हमारे ही हाथ में ही रहेगी। और हुआ भी यही। सत्ता में वही लोग बैठ गये जो इस राज्य को चूस रहे थे। लेकिन 2019 के चुनाव में आपकी सरकार बनी। उन्होंने कहा कि हमने फैसला किया इस राज्य की महिलाओं को हम मजबूत बनायेंगे। इसीलिए हमने मंईयां सम्मान योजना की शुरुआत की। इसका लाभ अब 18 से लेकर 50 साल तक की महिलाओं को मिल रहा है। हम इस राज्य की आधी आबादी को मजबूत करने का काम कर रहे हैं।
‘आज भी मेरे पीछे 7 सीएम लगे हुए हैं, पर सच्चा झारखंडी न जेल जाने से डरता है न गोली खाने से’
उन्होंने कहा कि केंद्र ने कोल रॉयल्टी का पैसा नहीं दिया। पहले तो इसे मानने से ही इनकार कर दिया कि कोई बकाया भी है। लेकिन जब हमने सबूत पेश किये और कोर्ट में जाने की बात कही, तो कुछ पैसा दिया गया। कहा कि कोल रॉयल्टी में झारखंड का 1 लाख 36 हजार करोड़ का बकाया है। ये पैसा मिल जाये तो राज्य की सवा तीन करोड़ जनता के दिन आर्थिक खुशहाली से भर जायेंगे। लेकिन केंद्र का इस ओऱ ध्यान नहीं है। कहा कि ये लोग सोचते हैं कि आदिवासी बोका है। हमारे पीछे ईडी औऱ जांच एजेंसियां लगा दी गयीं। दो साल लग गये इसी चूहा-बिल्ली के खेल में। लेकिन इनको हमारे खिलाफ सबूत नहीं मिला तो, जबरन जेल में डाल दिया। कहा अब क्या करेंगे। मुझे फांसी पर लटकायेंगे। आज भी मेरे पीछे 7 सीएम लगे हुए हैं। लेकिन सच्चा झारखंडी न जेल जाने से डरता है न गोली खाने से।