मुस्लिम समुदाय की विशेष बैठक में नाराजगी व्यक्त
आज हजारीबाग के मिलन पैलेस मैरिज हॉल में आयोजित एक विशेष बैठक में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद में यति नरसिंहानंद द्वारा नबी ए करीम सल्लाहु अलैहि वसल्लम के खिलाफ दिए गए अपमानजनक बयान पर कड़ी नाराजगी जताई। बैठक का आयोजन खिदमत ए खल्क कमेटी द्वारा किया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोग उपस्थित हुए। समुदाय ने एक सुर में इस बयान की निंदा की और मांग की कि यति नरसिंहानंद को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो उन्होंने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी।
यति नरसिंहानंद के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग
बैठक में मुस्लिम नेताओं ने जोर देकर कहा कि यति नरसिंहानंद द्वारा दिए गए बयान ने न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, बल्कि यह संविधान के खिलाफ भी है। इस प्रकार के बयान से नफरत और हिंसा फैलने का खतरा बढ़ता है, जो देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचा सकता है। नेताओं ने कहा कि ऐसे व्यक्ति के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए। यह मांग की गई कि सरकार और प्रशासन इस मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई करें ताकि देश में शांति और सौहार्द्र बना रहे।
खिदमत ए खल्क कमेटी के सदस्यों ने राजनीतिक दलों से भी इस मुद्दे पर एकजुट होकर एक सख्त कानून बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि जब तक ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ कड़े कदम नहीं उठाए जाएंगे, तब तक इस तरह की बयानबाज़ी और धार्मिक उकसावे का सिलसिला जारी रहेगा।
राजनैतिक दलों पर सवाल: मुस्लिम समुदाय की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं
बैठक में उपस्थित नेताओं ने इस बात पर भी चिंता जताई कि कई राजनीतिक दल सिर्फ वोट बैंक के लिए मुस्लिम समुदाय का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन उनके मुद्दों को हल करने में विफल रहते हैं। उन्होंने कहा कि यदि अन्य राजनीतिक दल इस गंभीर मुद्दे पर अपनी आवाज़ नहीं उठाते, तो आगामी विधानसभा चुनावों में इन दलों का विरोध किया जाएगा। नेताओं ने स्पष्ट रूप से कहा कि मुस्लिम समुदाय को अब सिर्फ वोट बैंक समझने वाले दलों के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की जरूरत है।
गिरफ्तारी नहीं हुई तो सड़कों पर उतरने की चेतावनी
मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने स्पष्ट किया कि अगर यति नरसिंहानंद की गिरफ्तारी जल्द नहीं होती है, तो वे देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे। नेताओं ने कहा कि इस प्रकार की बयानबाजी न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत करती है, बल्कि देश में शांति और भाईचारे को भी कमजोर करती है। इसलिए, इस मामले में त्वरित और सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि देश में साम्प्रदायिक सौहार्द्र बना रहे।
बैठक में हज़ारीबाग के कई प्रभावशाली नेता और समाजसेवी भी शामिल थे, जिन्होंने इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की और समर्थन दिया। समुदाय ने एकजुट होकर इस बात पर जोर दिया कि उनके धार्मिक प्रतीकों का अपमान किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
राजनीतिक दलों से सख्त कानून बनाने की अपील
बैठक में यह भी जोर दिया गया कि राजनीतिक दल मिलकर ऐसे मामलों पर ठोस कदम उठाएं। नेताओं ने कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कानून बनाना बेहद जरूरी है, ताकि कोई भी व्यक्ति धार्मिक भावनाओं के खिलाफ बयान देकर देश में अस्थिरता पैदा न कर सके। मुस्लिम समुदाय ने चेतावनी दी है कि अगर अन्य दल इस मुद्दे पर मूकदर्शक बने रहे, तो उन्हें भी राजनीतिक स्तर पर इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
मुस्लिम समुदाय की एकता और शांति की अपील
बैठक के अंत में खिदमत ए खल्क कमेटी ने सभी मुस्लिम समुदाय से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि समुदाय के लोग कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करें और सरकार पर इस मुद्दे को जल्द हल करने का दबाव बनाएं। साथ ही, यह भी आग्रह किया गया कि सभी मुसलमान एकजुट रहें और अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठाते रहें, लेकिन कानून के दायरे में रहकर।
यह बैठक मुस्लिम समुदाय के गहरे आक्रोश को दर्शाती है, जो यति नरसिंहानंद के बयान के खिलाफ है। इस मुद्दे पर तेजी से कार्रवाई की मांग की जा रही है, और अगर सरकार ने जल्द कदम नहीं उठाए, तो व्यापक विरोध प्रदर्शन की संभावना है। इस प्रकार की घटनाएं हमारे समाज की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचा सकती हैं, इसलिए राजनीतिक दलों और सरकार से यह उम्मीद की जा रही है कि वे जल्द ही ठोस कदम उठाएं और इस मामले का समाधान करें।
News – Vijay Chaudhary.
Edited by – Sanjana Kumari.