गुमला जिले के तीन प्रमुख विधानसभा क्षेत्र- सिसई, गुमला और विशुनपुर में इस बार चुनावी माहौल जोरों पर है। सिसई विधानसभा क्षेत्र (67) में कुल 6 नामांकन प्राप्त हुए हैं, जिनमें मुख्य दलों के साथ स्वतंत्र उम्मीदवार भी मैदान में हैं। यहां प्रमुख नामों में शामिल हैं:
- जोहन एक्का (स्वतंत्र)
- अरुण कुमार उरांव (भारतीय जनता पार्टी)
- जिग्गा सुसारण होरो (झारखंड मुक्ति मोर्चा)
वहीं, गुमला विधानसभा क्षेत्र (68) से 4 प्रमुख उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:
- सुदर्शन भगत (भारतीय जनता पार्टी)
- भूषण तिर्की (झारखंड मुक्ति मोर्चा)
विशुनपुर विधानसभा क्षेत्र (69) में 4 उम्मीदवार हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:
- महात्मा उरांव (स्वतंत्र)
- चमरा लिंडा (झारखंड मुक्ति मोर्चा)
इन चुनावों में विभिन्न दलों के उम्मीदवारों के साथ-साथ कई स्वतंत्र उम्मीदवार भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इसका मतलब है कि मतदाताओं के पास अपने प्रतिनिधि को चुनने के कई विकल्प उपलब्ध हैं, जो उनके हितों को बेहतर तरीके से समझ सकें और उन पर काम कर सकें।
मतदान: लोकतांत्रिक प्रक्रिया की रीढ़
चुनाव में मतदान करना केवल एक अधिकार नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी भी है। प्रत्येक वोट लोकतंत्र को मजबूत बनाता है और सरकार की नीतियों और दिशा को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब आप मतदान करते हैं, तो आप यह सुनिश्चित करते हैं कि आपके क्षेत्र की समस्याओं, मुद्दों और जरूरतों को सही तरीके से सुना जाए। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां विकास की जरूरतें अधिक होती हैं, मतदान का महत्व और भी बढ़ जाता है।
अच्छे प्रतिनिधि चुनने का महत्व
किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए यह बेहद जरूरी है कि वहां के प्रतिनिधि ईमानदार और जनता के प्रति जवाबदेह हों। यही वजह है कि सही उम्मीदवार का चुनाव करना आवश्यक है। कई बार हम अपने वोट को हल्के में लेते हैं, लेकिन यह ध्यान रखना जरूरी है कि आपके एक वोट से ही किसी अच्छे या बुरे प्रतिनिधि का चुनाव हो सकता है।
गुमला जिले के विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवारों की विविधता से यह साफ है कि हर मतदाता के पास एक अलग विचारधारा और नीति पर ध्यान देने का अवसर है। ऐसे में मतदाताओं का यह कर्तव्य बनता है कि वे अपने क्षेत्र के विकास और कल्याण को ध्यान में रखकर सही उम्मीदवार का चयन करें।
महिलाओं और युवाओं की भूमिका
मतदान प्रक्रिया में महिलाओं और युवाओं की भागीदारी भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह देखा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की मतदान दर अक्सर कम होती है, जो उनके सशक्तिकरण और राजनीतिक भागीदारी के लिहाज से चिंताजनक है। इसके विपरीत, युवाओं को भी अपनी जिम्मेदारी समझते हुए बढ़-चढ़कर मतदान में हिस्सा लेना चाहिए, क्योंकि उनका वोट उनके भविष्य को आकार देने में मदद करेगा।
क्या कहती है सरकारी रिपोर्ट?
विभिन्न सरकारी रिपोर्टों के अनुसार, ग्रामीण इलाकों में अब भी मतदान दर कम है, जो कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने का संकेत है। भारत के चुनाव आयोग की रिपोर्ट्स में कहा गया है कि 2019 के चुनावों में ग्रामीण क्षेत्रों में 65% से 70% तक की मतदान दर दर्ज की गई थी, जो अपेक्षाकृत कम है। इसका मुख्य कारण मतदान के प्रति जागरूकता की कमी और लोगों का चुनाव प्रक्रिया से उदासीन होना है।
आपकी आवाज, आपका भविष्य
आखिरकार, यह कहना गलत नहीं होगा कि मतदान करना आपका सबसे शक्तिशाली हथियार है। गुमला जिले के मतदाताओं के पास अब एक महत्वपूर्ण मौका है कि वे अपने क्षेत्र के भविष्य को आकार दें। चुनाव में हिस्सा लेकर वे यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि उनका प्रतिनिधि उनके हितों की रक्षा करेगा और क्षेत्र के विकास में योगदान देगा।
मतदान करना है आपका अधिकार, और इस अधिकार का इस्तेमाल करना आपकी जिम्मेदारी भी है। जब आप वोट डालते हैं, तो आप न केवल अपने लिए, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी बेहतर भविष्य का मार्ग प्रशस्त करते हैं। इसलिए, अपने मतदान केंद्र पर जाएं और अपने अधिकार का उपयोग करें।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया