आदिवासी संगठनों की बैठक में कहा गया…जेएमएम हर हाल में खूंटी से अमरनाथ मुंडा को प्रत्याशी बनाये और स्नेहलता को ड्रॉप करे…!
नीलकंठ के मुकाबले कड़िया मुंडा के बेटे अमरनाथ मुंडा ही सही उम्मीदवार…JMM जिलाध्यक्ष पर आरोप…सही फीडबैक नहीं देेेकर पार्टी को मिसगाइड किया
खूंटी (रांची) : खूंटी से जेएमएम प्रत्याशी श्रीमती स्नेहलता कन्डुलना (साहा) का टिकट कंफर्म होने के बाद गुरुवार को तमाम आदिवासी समाज एवं कई आदिवासी संगठनों की बैठक में पुरजोर विरोध किया गया. बैठक में कहा गया कि स्नेहलता कन्डुलना ने गैरआदिवासी से शादी की है. इसके कारण आदिवासी समाज पर अब उनका हक नहीं रहा. कहा गया कि जेएमएम ने आदिवासी समाज के बाहर जाकर शादी करनेवाली महिला (साहा) को टिकट देकर यहां के आदिवासी समाज का घोर अपमान किया है। इसलिए आदिवासी समाज इसका हर हाल में विरोध करेगा. आदिवासी संगठनों ने एक स्वर से कहा है कि किसी कीमत पर जेएमएम प्रत्याशी को जीतने नहीं देंगे. अगर जेएमएम ने अपना प्रत्याशी वापस नहीं लिया तो, जेएमएम को खूंटी सीट गंवानी पड़़ेगी. इसलिए जेएमएम हर हाल में खूंटी से अमरनाथ मुंडा को प्रत्याशी बनाये और स्नेहलता को ड्रॉप करे.
आदिवासी संगठनों का आरोप…जिलाध्यक्ष ने अमरनाथ का टिकट कटवाया
आदिवासी संगठनों के लोगों ने कहा कि जेएमएम के जिलाध्यक्ष जुबैर अहमद ने स्नेहलता कंडुलना से साठगांठ कर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को मिसगाइड किया है. लोगों का आरोप है कि जुबैर के कहने पर ही अमरनाथ मुंडा का टिकट काटा गया है, क्योंकि संभावित सूची में कभी स्नेहलता का नाम नहीं आया था. शुरू से ही अमरनाथ मुंडा का नाम चल रहा था. क्षेत्र में भी अमरनाथ मुंडा के नाम पर लोग खुश थे. लोगों का कहना था कि नीलकंठ सिंह मुंडा को शिकस्त देने के लिए कड़िया मुंडा के बेटे अमरनाथ मुंडा सही उम्मीदवार हैं.
‘स्नेहलता राजनीतिक जमीन की उपज नहीं और न उनका कोई जनाधार’
बताया गया कि स्नेहलता कंडुलना राजनीतिक जमीन की उपज नहीं है और न उनका खूंटी में जनाधार है. कुछ साल पहले डेंटिस्ट डॉ. अशोक कुमार साहा से उन्होंने प्रेम विवाह किया था. डॉ. साहा का कर्रा रोड में क्लिनिक है. बताया गया कि स्नेहलता का नाम अचानक सामने आने के बाद आदिवासी संगठन भड़क उठे. उन्हें यकीन ही नहीं था कि जेएमएम अमरनाथ मुंडा को दरकिनार कर स्नेहलता को उम्मीदवार घोषित कर देगा.
बताया गया कि अमरनाथ मुंडा को जेएमएम आलाकमान के इस निर्णय से झटका लगा है. तीन दिन पहले तक अमरनाथ अपनी उम्मीदवारी को लेकर निश्चिंत थे. कई लोगों ने जिलाध्यक्ष जुबैर अहमद को इसके लिए कसूरवार माना है. कहा गया कि अमरनाथ मुंडा का उसने सही ढंग से फीडबैक नहीं दिया और स्नेहलता के बारे में बढ़चढ़ कर बता दिया. जेएमएम की ओर से अमरनाथ के बारे में भी खोजखबर नहीं ली गई और न उन्हें बुलाकर खूंटी के हालात जानने की चेष्टा की गई.