गुमला, झारखंड—गुमला पुलिस ने क्षेत्र के वांटेड हार्डकोर नक्सली अरविंद उरांव उर्फ झुनझुन उरांव को गिरफ्तार कर एक बड़ी सफलता हासिल की है। झांगुर गुट का सक्रिय सदस्य अरविंद उरांव न केवल एक कुख्यात नक्सली था बल्कि उस पर पुलिस जवान अभिषेक कुमार की हत्या का आरोप भी था। गुमला पुलिस कप्तान शंभू कुमार सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस सफलता की जानकारी देते हुए बताया कि अरविंद को उसी 9 एम.एम. पिस्तौल के साथ गिरफ्तार किया गया जिससे उसने नेतरहाट घाटी में अभिषेक कुमार की हत्या की थी।
पुलिस के सामने चुनौती और विशेष छापामारी अभियान का गठन
इस गिरफ्तारी से पहले, बिशनपुर थाना प्रभारी राकेश कुमार सिंह को एक गुप्त सूचना मिली थी कि फरार नक्सली अरविंद उरांव अवैध हथियारों के साथ खुलेआम घूम रहा है और उसे गुरदरी थाना के कई मामलों में भी वांछित माना गया है। इसके बाद गुमला पुलिस कप्तान के निर्देश पर एक विशेष छापामारी दल का गठन किया गया, जिसमें अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सुरेश प्रसाद यादव, बिशनपुर थाना प्रभारी राकेश कुमार सिंह, घाघरा थाना प्रभारी तरुण कुमार, और अन्य सशस्त्र बल के जवान शामिल थे।
गुप्त सूचना के आधार पर छापामारी दल को देवरागनी गाँव के तालाब के पास तैनात किया गया। पुलिस दल को देखकर अरविंद उरांव भागने की कोशिश करने लगा, लेकिन पुलिस ने तत्परता से उसे घेरकर गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के दौरान बरामद हथियार और पूछताछ
गिरफ्तारी के दौरान अरविंद उरांव के पास से एक 9 एम.एम. पिस्तौल, एक देसी कट्टा और 9 एम.एम. पिस्तौल के दो खाली मैगजीन बरामद हुए। पूछताछ में उसने कबूल किया कि इस पिस्तौल का इस्तेमाल पुलिस जवान अभिषेक कुमार की हत्या में किया गया था। उसने यह भी बताया कि यह हथियार उसे झांगुर गुट के सुप्रीमो रामदेव उरांव ने पुलिस हत्या की साजिश के तहत दिया था।
इस कबूलनामे ने गुमला पुलिस को मामले में बड़ी सफलता दिलाई। इसके बाद अरविंद को विधिवत गिरफ्तार कर गुमला थाना ले जाया गया, जहाँ उससे गहन पूछताछ की गई।
गुमला पुलिस की सफलता: नक्सल गतिविधियों पर करारा प्रहार
अरविंद उरांव की गिरफ्तारी को गुमला पुलिस प्रशासन की एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। इस क्षेत्र में नक्सली गतिविधियाँ लंबे समय से चुनौती बनी हुई हैं, और अरविंद जैसे हार्डकोर नक्सली की गिरफ्तारी से नक्सलियों के हौसले पस्त होंगे। झांगुर गुट का यह सदस्य पुलिस हत्या के अलावा कई अन्य अपराधों में भी वांछित था। इस गिरफ्तारी से नक्सली गुटों पर एक बड़ा मनोवैज्ञानिक दबाव बनेगा और क्षेत्र में शांति स्थापित करने की पुलिस की कोशिशों को बल मिलेगा।
पुलिस कप्तान शंभू कुमार सिंह ने इसे पुलिस टीम की एकजुटता और कुशलता का परिणाम बताया और कहा कि यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी ताकि क्षेत्र से नक्सलवाद का खात्मा हो सके।
झारखंड पुलिस की तत्परता और कार्रवाई का संदेश
गुमला पुलिस की इस कार्रवाई ने न केवल झारखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस की तत्परता को साबित किया है बल्कि यह भी संदेश दिया है कि अपराधी चाहे जितने भी शातिर क्यों न हों, कानून से बच नहीं सकते। अरविंद उरांव जैसे खतरनाक नक्सलियों की गिरफ्तारी से पुलिस के प्रयासों को बड़ी सफलता मिली है।
यह कार्रवाई क्षेत्र में कानून और शांति व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। स्थानीय जनता के लिए यह एक आश्वासन है कि पुलिस अपनी पूरी क्षमता के साथ उनकी सुरक्षा में जुटी है।